बुध ग्रह उत्तर दिशा के स्वामी हैं। उत्तर दिशा के अधिपति हैं रावण के भाई कुबेर। कुबेर को धन का देवता भी कहा जाता है। उत्तर दिशा को मातृ स्थान भी कहा गया है। उत्तर दिशा धन की दिशा मानी जाती है इसीलिए कुबेर देव को इस दिशा का देवता माना जाता है। इस दिशा को घर में हमेशा कच्ची जमीन छुडवानी चाहिये और इसे खाली भी छोड़ना चाहिये। इससे घर में धन की देवी लक्ष्मी का आगमन होता है। अगर आप घर में तिजोरी का इस्तेमाल करते हैं तो आप उसकी स्थापना भी इसी दिशा में करें। उत्तर और ईशान दिशा में घर का मुख्य द्वार हो तो अति उत्तम होता है। इस दिशा में शौचालय, रसोईघर बनवाने, कूड़ा-करकट डालने और इस दिशा को गंदा रखने से धन-संपत्ति का नाश होकर दुर्भाग्य का निर्माण होता है।
इस दिशा से चुम्बकीय तरंगों का भवन में प्रवेश होता है। चुम्बकीय तरंगें मानव शरीर में बहने वाले रक्त संचार को प्रभावित करती हैं और इसी से स्वास्थ्य भी प्रभावित होता है। अतः स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से इस दिशा का प्रभाव बहुत बढ़ जाता है। स्वास्थ्य के साथ-साथ यह धन को भी प्रभावित करती है। इस दिशा में निर्माण में कुछ विशेष बातों को ध्यान में रखना चाहिए जैसे इस दिशा में भूमि तुलनात्मक रूप से नीची होनी चाहिए तथा बालकनी का निर्माण भी इसी दिशा में करना चाहिए। अधिक से अधिक दरवाजे और खिड़कियां इसी दिशा रखना चाहिए। बरामदा, पोर्टिकों और वाश बेसिन आदि इसी दिशा में होने चाहिए।
- उत्तर दिशा में दर्पण-आईना सदैव ही शुभ सूचक माना जाता है।
- नयी नौकरियां, व्यवसाय की उन्नति के लिए इस दिशा मे दर्पण बहुत शुभ
होता है और सहायक सिद्ध होता है। - घर के उत्तर मण्डल की दीवारों पर सदैव हल्के नीले रंग का पैंट करवाएं,
इससे आपके घर में धन एवं अवसर प्रचुर मात्र में उपलब्ध होंगे । - उत्तर मंडल में तिजोरी रखना भी अत्यंत शुभ माना जाता है।
- यहां मनी प्लांट भी लगा सकते हैं।
- उत्तर ४ के द्वार को और समृद्ध बनाने के लिए यहां मुख्य द्वार के दोनों
और बुधवार सुबह कोई सुनहरी वास्तु रखें तथा उसको शाम को दान में दे देना
चाहिए। - उत्तर ५ का द्वार भी काफी शुभ माना जाता है तथा नये अवसर प्रदान करता
है। - यहां एक कुबेर भगवान की मूर्ति रखना शुभ माना जाता है।
- शुभता को बढ़ाने के लिए मुख्य द्वार के दोनों और बुधवार की सुबह बकरी
का दूध रखे तथा संध्या को उसे पानी में प्रवाहित कर दें अथवा किसी पेड़ के
नीचे रख दें। - इस दिशा जोन से लाल, पीले, बैंगनी और गुलाबी रंग की वस्तुओं का उपयोग
नहीं करना चाहिए।