उज्जैन। देश में कोरोना के खिलाफ जारी टीकाकरण अभियान को लेकर कई लोग लापरवाही बरतते नजर आ रहे हैं. कुछ शहरों के तो ये हाल है की सरकार ने फ्रंटलाइन वर्कर का दर्जा कर्मचारियों को  दिया है, बावजूद इसके कर्मचारी वैक्सीन की अहमियत नहीं समझ रहे है और वैक्सीन लगवाने के लिए वैक्सीनेशन सेंटर्स पर नहीं पहुंच रहे हैं. ऐसे लोगों के लिए अब उज्जैन नगर निगम के आयुक्त  ने आदेश जारी किया है कि जो भी निगम का कर्मचारी वैक्सीन नहीं लगाएगा उसका मई माह का वेतन रोक दिया जाएगा. हालांकि कमिश्नर ने भी कहा कि जिन लोगो ने वैक्सीन का एक भी डोज लगवाया है. उनकी सैलरी नहीं रोकी जाएगी.

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30 प्रतिशत कर्मचारियों ने नहीं लगवाया टीका 

नगर निगम के कमिश्नर क्षितिज सिंघल ने कहा की राज्य सरकार और केंद्र सरकार ने दूसरे चरण में निगम के कर्मचारियों को फ्रंटलाइन वर्कर मानकर वैक्सिनेशन करने के आदेश दिए थे, लेकिन उज्जैन नगर निगम करीब 1600 कर्मचारियों में से अब तक मात्र 70 प्रतिशत कर्मचारियों ने ही वैक्सीन लगवाया है.  इसमें कुछ अधिकारी भी शामिल है. कर्मचारियों की इस लापरवाही को देखते हुए अब कमिश्नर ने आदेश आदेश जारी कर कहा कि मई माह की सैलरी उन्हें ही मिलेगी जिन्होंने वैक्सीन का पहला या दूसरा डोज लगवा लिया है.

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वैक्सीन लगवाने के लिए कोई बध्यता नहीं   

नगर निगम कमिश्नर क्षितिज सिंघल ने कहा कि निगम कर्मी  दिनभर जनता के बिच भीड़-भाड़ वाले इलाके में काम करते हैं, उनकी सेफ्टी के लिए वैक्सीन जरुरी है. हालांकि सरकार की तरफ से टीका लगवाने के लिए कोई बध्यता नहीं हैं. इसको लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से साफ कहा गया है कि वैक्सीन लगवाना बिल्कुल स्वैच्छिक है. कोई भी शख्स वैक्सीन लगवाने के लिए बाध्य नहीं है.

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