मार्कण्डेय पाण्डेय, लखनऊ : उत्तर प्रदेश में इन दिनों आईएएस अधिकारी रहे अभिषेक सिंह की चर्चा है। मामला उनके नौकरी में वापस आने को लेकर है जिसे योगी सरकार ने ठुकरा दिया है। एक साथ पढ़ाई, प्यार, रोमांस, नेटफिल्क्स, फिल्में और संघ लोक सेवा आयोग की नौकरी अनेक किरदारों में आईएएस रहे अभिषेक सिंह ने अपनी भूमिका निभाई है। उत्तर प्रदेश के जौनपुर का रहने वाला यह नौजवान छात्र जीवन में ही अपने क्लास की एक लडक़ी के प्यार में खो गया। उसके प्यार को लडक़ी ने जब ठुकरा दिया तो अभिषेक ने देश की सबसे प्रतिष्ठित संघ लोक सेवा आयोग की तरफ से आयोजित आईएएस की परीक्षा में पास होने के लिए दिनरात एक कर दिया।

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चयनित हुए और यूपी कैडर मिला

साल 2010 में घोषित परिणाम में अभिषेक सिंह आईएएस चयनित हो गए और उनको यूपी कैडर ही मिला। लेकिन रंगीन मिजाज अफसर नेटफ्लिक्स की वेब सीरीज और म्यूजिक वीडियो में आकर धूम मचा दिया। जिसके बाद यूपी सरकार के कान खड़े हो गए। सेवा शर्तो का उलंघन होने पर अभिषेक सिंह को फौरन कारण बताओ नोटिस थमा दिया गया। अभिषेक ने अपने से दो साल सिनियर आईएएस अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल से विवाह कर लिया। दोनों की मुलाकात भी मसूरी में टे्रनिंग के दौरान हुई और जल्दी ही विवाह का फैसला कर लिया।

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फोटो शूट करने का था जूनून, कई बार कर चुके हैं मुंबई की यात्रा

22 अगस्त 1983 को जौनपुर में जन्मे अभिषेक सिंह के पड़ोसी राजेश सिंह बताते हैं कि उसे बचपन से ही एक्टिंग का शौक था। सेलिब्रिटीज के साथ फोटो शूट करने का जूनून था जिसके लिए वह पहले भी कई बार मुंबई की यात्रा कर चुका है। नवंबर, 2022 में गुजरात विधान सभा के चुनाव चल रहे थे और चुनाव आयोग की तरफ से अभिषेक सिंह को प्रेक्षक बनाकर भेजा गया। लेकिन उन्होंने नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए इंस्टाग्राम पर मर्यादा के विपरीत फोटो डाल दी। उक्त फोटो में वह किसी खुली गाड़ी पर शर्ट खोलकर स्टंट करते बताए गए। इसके बाद योगी सरकार ने उनको निलंबित कर दिया। हालांकि बाद में उन्होंने अपनी सरकारी सेवा से त्याग पत्र दे दिया था।

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सनी लियोनी के साथ रहे चर्चा में

अभिषेक सिंह ने त्याग पत्र देनेे के बाद मुंबई का रास्ता पकड़ लिया। उनकी तश्वीरें पोर्न स्टॉर सनी लियोनी के साथ भी देखी जाने लगी। चर्चा थी कि दोनों इन दिनों रोमांस चल रहा है। गत दिनों अभिषेक सिंह ने उत्तर प्रदेश सरकार को आवेदन दिया कि वह अपना त्याग पत्र वापस लेना चाहते हैं और फिर से नौकरी करना चाहते हैं। लेकिन योगी सरकार ने उनके आवेदन को ठुकरा दिया है।

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प्रशासनिक नौकरी से मोहभंग के और भी हैं किस्से

पिछले दो सालों में आधा दर्जन से अधिक आईएएस अधिकारियों का नौकरी से मोहभंग हो चुका है। 1995 बैच के मोहम्मद मुस्तफा का मामला ताजा है। इन्होंने वीआरएस लेने के लिए आवेदन किया है। जबकि गत दो सालों में 1987 बैच की रेणुका कुमार, 1988 बैच की जुथिका पाटणकर, 2003 बैच के विकास गोठलवाल वीआरएस के लिए आवेदन किए थे, जो स्वीकार हो चुके हैं। इसी तरह मुख्यमंत्री के खास रहे और बेहद ईमानदार अधिकारी के तौर पर जिनकी छवि रही है रिग्जियान सैपिंल और 2008 बैच के विद्या भूषण को वीआरएस मिल चुका है।

मुख्यमंत्री योगी के चहेते आईएएस ने भी लिया वीआरएस

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के चहेते अधिकारियों में राजप्रताप सिंह रहे हैं। वह बाजपेई सरकार में पीएमओ में भी कार्य कर चुके हैं। उत्तर प्रदेश में विभिन्न विभागों और पदों पर अपनी सेवाएं देते रहे हैं। सीएम योगी के चहेते माने जाने वाले राजप्रताप सिंह का आईएएस की नौकरी से मोहभंग हो गया और उन्होंने वीआएस के लिए आवेदन कर दिया। जिसे 30 जून 2018 को स्वीकार भी कर लिया गया।

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कैसे मिलता है वीआरएस

यूपी में आईएएस कैडर के कुल 621 पद हैं। जिसमें 433 सीधी भर्ती के अफसर हैं। इन सीधी भर्ती वाले अधिकारियों में जो सीधे संघ लोक सेवा आयोग से आते हैं वही वीआरएस की कतार में हैं। इसके तहत नियुक्ति विभाग में आवेदन करना होता है। विभिन्न विभागों से एनओसी लेने में करीब चार माह का वक्त लग जाता है। सबकुछ सही होने पर शासन की तरफ से अधिकारी को स्वैच्छिक सेवा निवृति मिल जाती है।

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