दिल्ली. कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने देश में लोगों की चिंता को बढ़ा दिया है. जिसके वजह से प्रतिरोधक क्षमता का ख्याल रखना बेहद चुनौती बन गया है. लोग इसके लिए तरह-तरह की दवाइयों पर भरोसा कर रहे हैं, तो कुछ प्राकृतिक और घरेलू उपायों पर जोर देकर उसे अपना रहे हैं. ऐसा ही एक प्रभावी उपाय गिलोय है. गिलोय के जड़ों से लेकर पत्तियां सभी गुणकारी हैं. सेहत के लिए यह हर तरह से लाभकारी है. तो आइए जानते हैं गिलोय के गुण और इसे लगाना, देखभाल करना और सहेजना.
क्या है गिलोय
यह एक बेल है. आमतौर पर खाली मैदान, जंगल और दीवारों इत्यादि पर उगती है. इसके पत्ते पान की तरह बड़े, चिकने और हरे रंग के होते हैं. इसका फल मटर जैसा होता है. बीजों का रंग सफेद होता है. इसकी पत्तियों से लेकर जड़ और तना सभी उपयोगी होता है. सबसे ज्यादा लाभकारी तना होता है. इसमें प्रचुर मात्रा में एंटीआक्सीडेंट होता है. इसे आसानी से घर में उगाया जा सकता है.
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प्रकृति की साथी
ऐसा माना जाता है कि गिलोय जिस पेड़ पर उगती है, वो न तो उसे मरने देती है और न ही सेवन करने वाले को कोई हानि होने देती है.
ऐतिहासिक महत्व
बता दें कि गिलोय की उत्पत्ति के संबंध में कहा जाता है कि समुद्र मंथन के समय अमृत कलश छलकने से उसकी बूंदें जहां भी गिरीं, वहीं गिलोय या अमृता का पौधा निकल आया. इसे गुडुची या जीवन्तिका भी कहा जाता है. प्राचीन वैद्य आचार्य चरक ने चरक संहिता में गिलोय के गुणों का वर्णन किया है.
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गिलोय से लाभ
- इसकी पत्तियों में कैल्शियम, प्रोटीन, फास्फोरस पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है. इसे उबालकर पीने से प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाई जा सकती है.
- इसके तनों में स्टार्च की अच्छी मात्रा होती है. यह प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ खतरनाक बीमारियों से सुरक्षा करता है.
- इसे घी और शहद के साथ मिलाकर पीने से खून की कमी दूर होती है.
- पीलिया के मरीजों के लिए यह अत्यंत फायदेमंद होता है.
- हाथ-पैरों में जलन से परेशान लोग इसका सेवन कर सकते हैं.
- इससे कब्ज और गैस की समस्या नहीं होता. पाचन भी ठीक रहता है.
- बुखार और सर्दी को दूर करने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता है.
- शरीर और दिमाग को शांति देने के साथ याददाश्त अच्छी करता है.