मुंबई। भारत की सबसे बड़ी बीमा कंपनी होने के अलावा एलआईसी भारतीय शेयर बाजारों में सबसे बड़ी संस्थागत निवेशक भी है. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद अडानी ग्रुप के शेयर धड़ाम हो रहे हैं, जिसका असर एलआईसी पर भी पड़ रहा है. लेकिन केवल अडानी की ही वजह से नहीं बल्कि ऐसी कुल 36 कंपनियां हैं, जिनकी कीमत में गिरावट आने से एलआईसी को नुकसान उठाना पड़ रहा है. इसे भी पढ़ें : अडानी के बाद अब ‘बाबा’ ने डुबोए निवेशकों के पैसे, लगा 7000 करोड़ का झटका…

अडानी ग्रुप की कंपनियों के साथ कई अन्य कंपनियों में एलआईसी के शेयर की वैल्यू बीते छह महीनों में 58 फीसदी तक घटी है. इनमें फ्यूचर लाइफस्टाइल फैशंस, पिरामल एंटरप्राइजेज, ओमेक्स, इंडस टावर्स, लॉरस लैब्स, जेट एयरवेज (इंडिया), सनटेक रियल्टी, बॉम्बे डाइंग, जीटीएल इन्फ्रास्ट्रक्चर, अरबिंदो फार्मा और जेपी इन्फ्राटेक शामिल हैं.

हालांकि, बाजार विश्लेषकों का मानना है कि इस छोटी अवधि में एलआईसी के निवेश को जज नहीं करना चाहिए क्योंकि एलआईसी एक लॉन्ग टर्म इन्वेस्टर है और बीते कई सालों से वह कई नामी-गिरामी कंपनी में निवेश करता रहा है.

वहीं एलआईसी ने अडानी ग्रुप की कंपनियों – अडानी ग्रीन एनर्जी, अडानी ट्रांसमिशन, अडानी टोटल गैस, अडानी पोर्ट्स एंड इकोनॉमिक जोन और अडानी एंटरप्राइजेज में निवेश किया है. इनमें अडानी पोर्ट्स में एलआईसी की 9.14 फीसदी की हिस्सेदारी है, जबकि अडानी टोटल गैस में 5.96 फीसदी, अडानी एंटरप्राइजेज में 4.23 फीसदी, अडानी ट्रांसमिशन में 3.65 फीसदी और अडानी ग्रीन एनर्जी में 1.28 फीसदी है.

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एलआईसी ने 27 जनवरी को किए अपने ट्वीट में बताया था कि अडानी समूह की कंपनियों में इक्विटी और बॉन्ड के तहत आज तक हमारा कुल निवेश 36,474.78 करोड़ रुपए है. यह 31 दिसंबर, 2022 तक 35,917.31 करोड़ रुपए था. समूह की कंपनियों में बीते कुछ वर्षों में खरीदी गई इन इक्विटी का कुल खरीद मूल्य 30,127 करोड़ रुपए है.

एलआईसी की 10 सबसे बड़ी हिस्सेदारी आईडीबीआई (49.24 फीसदी), एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस (45.24 फीसदी), स्टैंडर्ड बैटरीज (19.99 फीसदी), मोडेला वुलन्स (17.31 फीसदी), आईटीसी (15.29 फीसदी), एनएमडीसी (13.67 फीसदी), महानगर टेलीफोन निगम (13.25 फीसदी), ग्लोस्टर (12.85 फीसदी), लार्सन एंड टुब्रो (12.50 फीसदी) और सिम्प्लेक्स रियल्टी (12.38 फीसदी) जैसी कंपनियों में हैं.

संयोग से इन 10 कंपनियों में से सात कंपनियों के शेयरों में बीते छह महीनों में मजबूती आई है. पांच कंपनियों के शेयर में भी दोहरे अंकों में बढ़त हासिल हुई है.

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