दिल्ली. देश में नोटबंदी औऱ जीएसटी ने छोटे व्यापारियों की कमर तोड़ दी है. एक रिपोर्ट में ये खुलासा हुआ है कि उनका लोन डिफाल्ट मार्जिन मार्च 2017 में जहां 8249 करोड़ रुपये था वो मार्च 2018 में बढ़कर 161218 करोड़ हो गया है.
आरबीआई की एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि जहां छोटे जिलों में पहले ग्रोथ रेट काफी अच्छी थी वहीं जीएसटी औऱ नोचबंदी के बाद उनकी ग्रोथ रेट बेहद कम हो गई है. रिपोर्ट में बताया गया है कि नवंबर 2016 औऱ फरवरी 2017 का दौर जब नोटबंदी हुई थी. उस वक्त क्रेडिट ग्रोथ काफी गिर गई थी. ये खुलासा हुआ कि ये गिरावट नोटबंदी की वजह से ही हुई है. औद्योगिक क्षेत्र को सबसे ज्यादा नुकसान इनसे उठाना पड़ा.
उधर एक निजी संस्था ने हाल ही में एक सर्वे कराया जिसमें खुलासा हुआ कि 60 फीसदी लोगों ने बताया कि उनका सिस्टम नए बदलाव के लिए तैयार ही नहीं था. सिडबी ने अपनी एक स्टडी में खुलासा किया कि नोटबंदी और जीएसटी लागू करने के बाद क्रेडिट एक्सपोजर मार्च 2018 तक बढ़ा है. गौरतलब है क्रेडिट एक्सपोजर वह राशि होती है जो किसी लोन डिफाल्टर द्वारा चुकता न किए जाने पर बैंक को अधिकतम नुकसान हो सकता है.
आरबीआई ने अपनी एक औऱ रिपोर्ट में स्वीकारा कि बेहद छोटे औऱ मंझोले किस्म के उद्योगों को जीएसटी और नोटबंदी की वजह से खासा नुकसान उठाना पड़ा है. उदाहरण के लिए रत्न औऱ आभूषण बिजनेस से जुड़े लोग नोटबंदी में कैश की कमी की वजह से कांट्रैक्ट पर काम करने वाले मजदूरों को कई कई महीने वेतन नहीं मिला. जिससे उनको काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा.