चंडीगढ़. बारिश और ओलावृष्टि से किसानों को होने वाले नुकसान व प्रधान मंत्री फसल बीमा होने के बावजूद मुआवजे का भुगतान न होने पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने इंश्योरेंस रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया व अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी करते हुए जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है.

याचिका दाखिल करते हुए पंचकूला निवासी एडवोकेट अरविंद सेठ ने हाईकोर्ट को बताया कि किसानों की फसल को विभिन्न कारणों से हुए नुकसान की भरपाई के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना 2016 में शुरू की गई थी. इस योजना के तहत गेहूं, सरसों, जौ, चना, मक्का, सूरजमुखी, धान, कपास, बाजरा व मूंग की फसल को हुए नुकसान के लिए मुआवजे का प्रावधान रखा गया है.

याची ने हाईकोर्ट से अपील की है कि बीमा कंपनियों व आईआरडीए को आदेश दिया जाए कि वह बताएं कि उनके पास फसल नुकसान के कितने दावे आए और कितने मामलों में इसे मंजूर करके भुगतान किया गया. इसके साथ ही यह जानकारी भी सौंपी जाए कि कितने दावे अस्वीकार किए गए और ऐसा करने का कारण क्या था. हाईकोर्ट ने याची पक्ष की दलीलों को सुनने के बाद याचिका पर सभी प्रतिवादियों को नोटिस जारी करते हुए जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है.