अमृतसर। योग दिवस पर श्री हरमंदिर साहिब की परिक्रमा परिसर में योगा करने वाली फैशन डिजाइनर अर्चना मकवाना (Archana Makwana) को थाना कोतवाली की पुलिस ने नोटिस भेजकर 30 जून को पेश होने के लिए कहा है।

नोटिस में कहा गया है कि उन्हें वह उक्त तारीख को अमृतसर आकर अपना जवाब दे। वहीं, दूसरी तरफ फैशन डिजाइनर अर्चना ने एसजीपीसी से दर्ज करवाई गई एफआईआर को वापस करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि अगर एसजीपीसी ऐसा नहीं करती है तो वह अपनी लीगल टीम के साथ लड़ाई लड़ने के लिए तैयार है।

अर्चना मकवाना ने वीरवार को एक वीडियो जारी की है। जारी की गई वीडियों में उन्होंने कहा कि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया है। जब वह 21 जून को योगा कर रही थी तो वहां पर उसे किसी भी सेवादार ने नहीं रोका। इतना ही नहीं जिस शख्स ने उनकी तस्वीर खींची वह भी एक सरदार जी थे। वहां भी कई सिख खड़े थे, किसी ने भी उन्हें नहीं रोका। उनकी आस्था को तो कहीं दुख नहीं पहुंचा।

उन्होंने कहा कि उसने कुछ गलत नहीं किया है। उनकी तस्वीर को गलत तरीके से वायरल किया गया है। अर्चना का कहना है कि एसजीपीसी की तरफ से उन पर बेसलैस एफआईआर दर्ज की गई है। इसकी क्या जरूरत थी। जबकि उसने माफी भी मांग ली थी. अर्चना का कहना है कि जहां उसने योगा किया, वहां पर कोई भी नियम नहीं लिखे थे। जो लोग वहां रोज आते है, उन्हें नियम पता नहीं है तो गुजरात से पहली बार आई लड़की को कैसे नियमों का पता होगा। वहां किसी ने उसे अगर रोका होता तो वह वहां ऐसा कुछ नहीं करती।

ये है मामला


गौरतलब है कि 21 जून योग दिवस पर अर्चना मकवाना श्री हरमंदिर साहिब में पहुंची थी और इस दौरान उसने जहां श्री हरिमंदिर साहिब की परिक्रमा में योग किया। उसने ध्यान और शीर्षासन करते हुए की तस्वीरे अपने इंटरनेट अकाउंट पर पोस्ट कर दी। जिसके पश्चात मामला गरमा गया और एसजीपीसी ने इस पर कड़ा एतराज जताते हुए पुलिस अर्चना मकवाना के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवा दी। इसके साथ ही अपने तीन सेवादारों को भी सस्पेंड कर दिया था।