जशपुर। एनएचएम के तहत कार्यरत संविदा स्वास्थ्य कर्मियों की अनिश्चित कालीन हड़ताल को अनुचित बताते हुए जिला कलेक्टर और दण्डाधिकारी महादेव कावरे ने नोटिस जारी कर 24 घंटे के भीतर काम पर लौटने कहा है।

कलेक्टर ने कर्मियों को नियमों का हवाला देते हुए कहा कि राज्य में छत्तीसगढ आवश्यक सेवा संधारण तथा विछिन्न्ता निवारण अधिनियम 1979(कंमाक 10 सन् 1979)लागू किया गया है, जिसमें स्वास्थ्य सेवाओं में कार्य करने से इनकार किये जाने को पूर्णतः दण्डात्मक कार्यवाही करने का प्रावधान भी हैं। 

इसके साथ ही आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51 के तहत बाधा उत्पन्न करने के लिए सजा एवं धारा 56 के तहत् ड्यूटी में अधिकारी की विफलता के संबंध में दण्डात्मक कार्यवाही का प्रावधान है।

आदेश में आगे कहा गया है कि 24 घंटा के अंदर अनिश्चितकालीन हडताल का निर्णय वापस लेकर जहां पदस्थ है वहां उपस्थित हों और सौंपे गये दायित्यों का गंभीरतापूर्वक निर्वहन करें अन्यथा आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51 तथा 56 के अधीन एवं छत्तीसगढ़ अत्यावश्यक सेवा संधारण तथा विछिन्न्ता निवारण अधिनियम 1979 की कंडिका (एस्मा) की कण्डिका 7(1) के तहत हडताल में रहने वाले संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों के विरुद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी।

आपको बता दें प्रदेश के 13 हजार संविदा स्वास्थ्य कर्मी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं। आज उनके हड़ताल का दूसरा दिन है।