कुमार इंदर, जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने जबलपुर में निकाय चुनाव के अंतर्गत गलत आरक्षण प्रक्रिया अपनाने पर राज्य निर्वाचन आयोग, जिला निर्वाचन आयोग समेत नगर निगम कमिश्नर को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने अपने नोटिस में पूछा है कि आरक्षण प्रक्रिया में नियमों को क्यों नहीं अपनाया गया। कोर्ट ने यह सवाल खड़े किए हैं कि आरक्षण प्रक्रिया अपनाए बिना ही कैसे गलत रिजर्वेशन कर दिया गया।

दरअसल जबलपुर का वार्ड नंबर 79 जिसकी तकरीबन 13 हजार आबादी है जिसमें से 7500 से ज्यादा आबादी एससी-एसटी (SC-ST) लोगों की है उसके बावजूद इस वार्ड को ओबीसी महिला के लिए आरक्षित कर दिया गया है। इसी बात को लेकर पूर्व पार्षद सोना चौधरी की ओर से एक याचिका दायर की गई है जिस पर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रवी मलीमठ और जस्टिस विशाल मिश्रा की खंडपीठ ने सुनवाई की और राज्य निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी कर इस मामले में जवाब मांगा है।

गलत प्रक्रिया अपनाने का आरोप
दर्शन सोना चौधरी के ओर से दाखिल गई की गई याचिका में कहा गया है कि, जिला निर्वाचन अधिकारी आरक्षण में नगर निगम पालिका अधिनियम की धारा 11 के प्रावधानों का पालन किया ही नहीं है। याचिका में कहा गया है कि निर्वाचन अधिकारी ने एससी एसटी के लिए आरक्षित 14 वार्ड और ओबीसी के लिए आरक्षित 21 वार्ड में कोई बदलाव नहीं किया। याचिका में कहा गया है कि केवल 44 अनारक्षित वार्डों में ही थोड़े बहुत रद्दोबदल किए गए हैं जिसमें रोटेशन प्रक्रिया का भी पालन नहीं किया गया।

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