रायपुर. रायपुर नगर निगम के जोन क्रमांक 10 के अध्यक्ष आकाशदीप शर्मा ने आज अपने वार्ड के सैकड़ों नागरिकों के साथ अपने ही जोन के कमिश्नर का घेराव किया. घेराव का कारण केनाल लिंकिंग रोड के किनारे दशकों पहले बसी बस्ती है. जोन 10 कमिश्नर द्वारा 3 दिन के अल्टीमेटम के साथ न्यू भरत नगर, कृष्णा नगर, गुरुमुख सिंह नगर बस्ती में रहने वालों को नोटिस भेजी गई है. नोटिस मिलने के बाद से क्षेत्र के हजारों रहवासियों में डर का माहौल है.
घेराव की मंशा से एकत्रित लोगों की भनक जैसे ही वार्ड पार्षद और जोन अध्यक्ष आकाशदीप को हुई वे तत्काल मौके पर पहुंच गए. अपने ही जोन द्वारा जारी की गई नोटिस की जानकारी उन्हें नहीं थी. जिसके बाद नाराज आकाशदीप ने आक्रोशित जनता के साथ स्वयं अपने ही जोन कमिश्नर के खिलाफ आंदोलन छेड़ने की बात कह दी.
जानकारी के अनुसार नारेबाजी के बाद आकाशदीप ने जोन कमिश्नर के नोटिस भेजे जाने का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि मुख़्यमंत्री भूपेश बघेल और नगरीय निकाय मंत्री शिव डहरिया पूरे राज्य में पट्टा बांटने का योजना चला रहे हैं. गरीब लोग जो हर प्रलोभन को दरकिनार कर हमेशा से कांग्रेस के साथ खड़े हैं. यही कांग्रेस की नींव है. यदि जोन को ऐसा कोई आदेश आया भी है तो हम क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि हैं कमिश्नर को पहले हमें अवगत कराना था.
आकाशदीप शर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ में अब बीजेपी का नहीं कांग्रेस का राज है. कांग्रेस के राज में बस्तियों को पट्टा बांटा जाता है न कि बुलडोजर चलाया जाता है. कांग्रेस के राज में बस्तियों को अपने घरों के दस्तावेज प्रस्तुत करने नोटिस भेजने जैसा मामला बेहद संवेदनशील श्रेणी में आता है. इतने अहम मुद्दे पर हमें जानकारी न देते हुए लोगों को 3 दिनों के भीतर अपने घरों के दस्तावेज प्रस्तुत करने की नोटिस भेज दी गई है. यह बेहद निंदनीय है.
उपस्थित प्रदर्शनकारियों ने बताया कि पार्षद से उन्हें कोई शिकायत नहीं है. हमें यही भरोसा दिलाया गया है कि कांग्रेस के शासनकाल में बुलडोजर नहीं चलेगा. लेकिन इस नोटिस के बाद आसपास की बस्तियों में भी लोगों में डर बैठ गया है.
वहीं निगम सूत्रों के अनुसार जोन कमिश्नर और जोन अध्यक्ष के बीच महीनों से जम नहीं रही है. यही वजह है कि कमिश्नर बहुत से मामलों में निर्णय लेने के पूर्व जोन अध्यक्ष से बात करना भी जरूरी नहीं समझ रहे हैं.
देखना यह है कि कांग्रेस के शासनकाल में जोन नंबर 10 की बस्तियों को 3 दिनों के भीतर नोटिस थमाने के मामले को महापौर किस रूप में लेते हैं. क्योंकि मेयर भी राजधानी की बस्तियों में रहने वाले कांग्रेस के कोर वोटरों के प्रिय नेता माने जाते हैं.
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