नई दिल्ली. जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय प्रशासन ने कथित यौन उत्पीड़न मामले में पीड़िता समेत 21 छात्रों को प्रॉक्टोरियल जांच का नोटिस जारी किया है. ये लोग 1 अप्रैल से जेएनयू परिसर के मुख्य द्वार पर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं. इन लोगों ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर निष्क्रियता का आरोप लगाया.

घटना 30 मार्च की रात को हुई थी. चीफ प्रॉक्टर कार्यालय ने प्रदर्शनकारी छात्रों को अपनी स्थिति स्पष्ट करने को कहा. विश्वविद्यालय के मुख्य सुरक्षा अधिकारी ने 2 अप्रैल को प्रॉक्टर कार्यालय को एक रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें कहा गया कि छात्र कथित तौर पर परिसर के उत्तरी द्वार को बाधित कर प्रदर्शन कर रहे हैं.

नोटिस में कहा गया हैं , ”मुख्य सुरक्षा अधिकारी ने 2 अप्रैल 2024 को चीफ प्रॉक्टर कार्यालय को शिकायत दी. शिकायत में आरोप लगाया गया है कि आपने 1 अप्रैल, 2024  से विश्वविद्यालय के उत्तरी द्वार को बाधित कर दिया, जिससे छात्रों, निवासियों, कर्मचारियों, वरिष्ठ नागरिकों, विकलांग व्यक्तियों, स्कूली बच्चों, रोगियों को आने-जाने में परेशानियों का सामना करना पड़ा.’’

चीफ प्रॉक्टर कार्यालय ने छात्र संघ अध्यक्ष धनंजय समेत जेएनयूएसयू पदाधिकारियों को प्रॉक्टोरियल जांच नोटिस भी जारी किया है. वहीं, छात्रों की मांग है कि विश्वविद्यालय पहले आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करेगा. इसके बाद ही प्रदर्शन समाप्त करेंगे.