नई दिल्ली . राजधानी दिल्ली में प्रीमियम बस सेवा शुरू करने का रास्ता साफ हो गया है. केजरीवाल सरकार की इस योजना को उपराज्यपाल ने मंजूरी दे दी है. दिल्ली परिवहन विभाग ने प्रीमियम बस सेवा को लेकर अधिसूचना भी जारी कर दी है. इन बसों में लोगों को आरामदायक, सुरक्षित और बिना भीड़ के यात्रा करने का मौका मिलेगा, लेकिन इस बस सेवा के किराये पर सरकार का नियंत्रण नहीं रहेगा. बस संचालक खुद बाजार के हिसाब किराया लागू कर सकेंगे.

परिवहन विभाग की अधिसूचना के मुताबिक, इस सेवा के तहत निजी बस संचालक लाइसेंस लेकर बसों का परिचालन कर सकते हैं. इसके लिए उनके पास न्यूनतम 25 बसें होनी चाहिए और लाइसेंस लेने के 90 दिन के भीतर बसें सड़कों पर उतारनी होंगी. लाइसेंस के लिए पांच लाख रुपये फीस देना होगी, जो पांच साल के लिए होगी. हर पांच साल पर उसका नवीनीकरण कराना होगा. अगर बसें इलेक्ट्रिक हैं तो लाइसेंस शुल्क नहीं लिया जाएगा. बसों में एसी, वाई-फाई, जीपीएस और होना अनिवार्य होगा.

डीटीसी बसों से ज्यादा ही होगा न्यूनतम किराया

प्रीमियम बस सेवा में यात्रियों को अधिक किराया देना पड़ सकता है. एक निश्चित किराया होने के बाद उसे बाजार के हिसाब से तय करने की छूट दी जाएगी. हालांकि, उसका न्यूनतम किराया डीटीसी बसों के अधिकतम किराये से कम नहीं होगा. डीटीसी की एसी बसों का अधिकतम किराया 25 रुपये है तो प्रीमियम बसों का किराया न्यूनतम 25 रुपये से अधिक का होगा. अधिकतम किराया कितना होगा, यह बाजार में मांग के हिसाब से तय होगा.

बुकिंग रद्द नहीं कर सकेंगे : यात्री यात्रियों के हितों की सुरक्षा को ध्यान रखते हुए प्रावाधन किया गया है कि एक बार बस की बुकिंग होने के बाद उसे रद्द नहीं किया जा सकता है, जब तक की कोई आकस्मिक घटना न हो. अगर ऐसा होता भी है तो यात्री के लिए विकल्प के तौर पर दूसरे वाहन की व्यवस्था करनी होगी. ऐसा न करने पर कार्रवाई की जाएगी.

ऐसी होगी सुरक्षा

● बस में जीपीएस, सीसीटीवी कैमरे लगाने अनिवार्य होंगे

● ऐप के जरिए बुकिंग करने वालों को बैठने की अनुमति होगी

● बस के अंदर खाली सीट भी है तो उसे मौके पर नहीं बेच सकते

● खड़े होकर यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी

ये मिलेंगी सुविधा

● सभी बसें वातानुकूलित होंगी, जिनमें वाई-फाई की सुविधा भी मिलेगी

● बस के किराये का भुगतान सिर्फ डिजिटल माध्यम से होगा

● यात्रियों की शिकायतों के लिए हेल्पलाइन नंबर देना होगा

● बस का रूट बदलने पर सात दिन पूर्व वेबसाइट पर सूचित करना होगा

इन शर्तों का पालन करना होगा

● कम से कम 25 लग्जरी बसों का बेड़ा लाइसेंस प्राप्त करने के लिए ऑपरेटर के पास होना चाहिए

● प्रीमियस बस संचालन के लिए लाइसेंस शुल्क पांच लाख रुपये होगा, जो पांच साल वैध रहेगा

● लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए फिर ₹2500 का शुल्क बस ऑपरेटर को देना होगा

● इलेक्ट्रिक बस खरीद को प्रोत्साहित करने के लिए कोई लाइसेंस शुल्क नहीं लिया जाएगा

● बस संचालक का एनसीआर के अंदर कार्यालय जरूर होना चाहिए

बदलाव की सूचना देंगे

किराये में बदलाव होने की सूरत में बस ऑपरेटर को उसे ऐप या वेब पोर्टल पर पहले से प्रदर्शित करना होगा. वहीं, अगर किसी आकस्मिक घटना के कारण बस में बुकिंग रद्द करनी हो तो किराया यात्री को तत्काल वापस करना होगा. उसके लिए बस की जगह कार की भी व्यवस्था की जा सकती है. ऐसा नहीं करने पर मोटर वाहन अधिनियम के तहत कार्रवाई होगी.