राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। मध्य प्रदेश के ओंकारेश्वर में आदि शंकराचार्य की एक बड़ी प्रतिमा शिवराज सरकार स्थापित करने जा रही है। मांधाता पर्वत में 108 फीट की भगवान आदि शंकराचार्य की मूर्ति स्टेचू ऑफ़ वननेस का निर्माण होगा।मूर्ति निर्माण के लिए दो साल की समय सीमा तय की गई है। भगवान आदि शंकराचार्य ने प्रदेश के ओंकारेश्वर में उनके गुरु गोविंद भगवत्पाद द्वारा सन्यास दिलाया गया था। ओम्कारेश्वर में ही आदि शंकराचार्य शंकर से शंकर भगवत्पाद कहलाए थे।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 9 फरवरी 2017 को नर्मदा सेवा यात्रा के दौरान ओमकारेश्वर में तीन संकल्प लिए थे। उनका पहला संकल्प था कि मांधाता पर्वत में 108 फीट की भगवान आदि शंकराचार्य की मूर्ति स्टेचू ऑफ़ वननेस का निर्माण कराना। उनका दूसरा संकल्प भगवान आदि शंकराचार्य के जीवन दर्शन को प्रभावी रूप से अभिव्यक्त करने के लिए शंकर संग्रहालय की स्थापना कराना।
तीसरा संकल्प प्रत्येक घर में अद्वैत बोध का जागरण कराने हेतु आचार्य शंकर अंतर्राष्ट्रीय अद्वैत वेदांत संस्थान की स्थापना कराना।

तीनों प्रकल्पों के निर्माण में अनुमानित राशि लगभग 1000 करोड़ खर्च की जाएगी। भगवान आदि शंकराचार्य की 108 फीट की मूर्ति स्टैचू ऑफ वननेस (एकात्मता की मूर्ति) के लिए टर्नर कोनसेसियम को अपॉइंटमेंट (अनुबंधित) किया गया है जिन्होंने स्टेचू ऑफ यूनिटी और बुर्ज खलीफा जैसी इमारतों के निर्माण में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।