लखनऊ. उत्तर प्रदेश विधानसभा की शीतकालीन सत्र में बुधवार को ऑनलाइन गेमिंग, कैसीनो, लॉटरी और घुड़दौड़ आयोजन पर 28 प्रतिशत की जीएसटी लगने वाले विधेयक को औपचारिक तौर से पारित कर दिया गया. वित्तमंत्री सुरेश खन्ना द्वारा पेश किए गए विधेयक में प्रमोटर या उसके एजेंट से वसूले जाने वाले सकल गेमिंग राजस्व के बजाय इंट्री लेवल पर 28 प्रतिशत की जीएसटी लगाने की बात कही गई थी.

वित्तमंत्री सुरेश खन्ना ने विधानसभा में बोलते हुए कहा कि ऑनलाइन गेमिंग, लॉटरी, कैसीनो और घुड़दौड़ कौशल के खेल के रूम में नहीं बल्कि मौका के खेल के रूप में योग्य हैं. उन्होंने कहा कि पहले प्रदेश सरकार जीजीआर पर कर लगाती थी. जिस कारण प्रमोटर या सेवा प्रदाता द्वारा हेरफेर की आशंका होती थी. अब गेम के प्रमोटर या उसके किसी एजेंट को भी रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य हो गया है. 

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बता दें कि राज्य सरकार द्वारा ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री में 28 प्रतिशत कर लगाने के लिए एक अध्यादेश आया था. जिसके दो महीने बाद इसे पारित कर दिया गया है. इससे पहले सरकार गेमिंग उद्योग पर 18 प्रतिशत की जीएसटी लगा रही थी. जिसे समान रूप से राज्य और केंद्र सरकार के बीच बांटा जा रहा था. अध्यादेश 1 अक्टूबर से कर लगाने के केंद्र के निर्देश का पालन किया. जबकि सदन सत्र में नहीं था. इसलिए यूपी सरकार ने इस उद्देश्य के लिए अध्यादेश जारी किया. 

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