नई दिल्ली . पूर्वी और दक्षिणी दिल्ली में अब घर बनाना महंगा हो सकता है, क्योंकि दिल्ली नगर निगम दो तरह के अतिरिक्त शुल्क लागू करने की तैयारी कर रहा है. नक्शे को मंजूर करने के लिए क्षतिपूर्ति और नियामक शुल्क का प्रस्ताव सदन की बैठक में लाया गया है. अभी तक यह दोनों शुल्क पूर्वी व दक्षिणी दिल्ली में लागू नहीं होते हैं.

इतने शुल्क की तैयारी: निगम के प्रस्ताव के तहत 250 वर्ग मीटर तक और इससे अधिक आवासीय प्लॉट पर घर के निर्माण के लिए शुल्क लागू होगा. यह शुल्क पूर्वी व दक्षिणी दिल्ली में घर व भवन निर्माण के नक्शे की मंजूरी के लिए देना होगा. इन दोनों ही क्षेत्र में ए से एच श्रेणी के प्लॉट में निर्धारित सर्किल रेट के हिसाब से क्षतिपूर्ति व नियामक शुल्क देने होंगे. 250 वर्ग मीटर तक के आवासीय प्लॉट में प्रति वर्ग मीटर क्षतिपूर्ति व नियामक शुल्क सर्कल रेट के 0.05 प्रतिशत के हिसाब से देना होगा. वहीं, 250 वर्ग मीटर से अधिक के प्लॉटों के लिए यह शुल्क 0.10 प्रतिशत तक की दर से देना होगा. निगम ने औद्योगिक क्षेत्र, व्यावसायिक क्षेत्र और कृषि भूमि के हिसाब से भी यह शुल्क प्रस्तावित किए हैं. निगम के अनुसार, क्षतिपूर्ति व नियामक शुल्क पूर्ववर्ती उत्तरी दिल्ली ने नवंबर, 2020 में लागू किया था. तब इसे पूर्ववर्ती पूर्वी दिल्ली नगर निगम और पूर्ववर्ती दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में लागू नहीं किया गया था.

निगम के सदन की बैठक आज : दिल्ली नगर निगम सदन की बैठक आज होगी. इसमें निगम से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर प्रस्ताव लाए जा रहे हैं. दोपहर को 2 बजे होने वाली सदन की बैठक में हंगामे के आसार हैं. सत्ता पक्ष व विपक्ष के पार्षद एक दूसरे को कई मुद्दों पर घेर सकते हैं. निगम सदन में कांग्रेस पार्षद विकास के मुद्दे उठाएंगे.

ए श्रेणी के लिए 387 रुपये प्रति वर्ग मीटर देने होंगे

निगम के प्रस्ताव के तहत 250 वर्ग मीटर तक के आवासीय प्लॉट में घर के निर्माण के नक्शे की मंजूरी के लिए ए श्रेणी के लिए 387 रुपये प्रति वर्ग मीटर देने होंगे. यह सर्किल रेट के 0.05 फीसदी की दर से लागू होगा. इस तरह से 250 वर्ग मीटर तक के आवासीय प्लॉट में बी श्रेणी के लिए 122.76 रुपये, सी श्रेणी के लिए 79.,92 रुपये, डी श्रेणी के लिए 63.84 रुपये, ई श्रेणी के लिए 35.04 रुपये, एफ श्रेणी के लिए 28.32 रुपये, जी श्रेणी के लिए 23.10 रुपये और एच श्रेणी के लिए 11.64 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से प्रस्तावित दोनों शुल्क देने होंगे. इसी तरह से 250 वर्ग मीटर से अधिक के आवासीय प्लॉटों के लिए भी श्रेणियों के सर्कल रेट के अनुसार 0.10 फीसदी की दर से दोनों शुल्क देने होंगे. यह पूर्वी व दक्षिणी दिल्ली में लागू होगा.