नोएडा में संपत्ति खरीदना और महंगा हो गया है. आवासीय, औद्योगिक, ग्रुप हाउसिंग और संस्थागत संपत्तियों की आवंटन दरों में 6 फीसदी की वृद्धि की गई है. संस्थागत उपयोग के तहत कॉरपोरेट ऑफिस व व्यावसायिक संपत्तियों और आवासीय में श्रेणी ए प्लस के सेक्टरों की आवंटन दरें यथावत रखी गई हैं. नोएडा प्राधिकरण की शुक्रवार को हुई बोर्ड बैठक में ये निर्णय लिए गए.

बैठक के मिनट्स जारी होते ही संपत्तियों की नई दरें लागू हो जाएंगी. अधिकारियों ने बताया कि आवासीय भूखंड की श्रेणी A, B और C में 17500 वर्ग मीटर जमीन के तहत 50 भूखंड खाली हैं. नई दरें लागू होने के बाद प्राधिकरण इन भूखंडों को बेचेगा.

आवासीय भूखंडों के लिए आवंटन की दरें

श्रेणी                   पुरानी दरें                                               नई दरें

A प्लस            175000 रुपये प्रति वर्ग मीटर          175000 रुपये प्रति वर्ग मीटर

A                   118240 रुपये प्रति वर्ग मीटर            125340 रुपये प्रति वर्ग मीटर

B                  82420 रुपये प्रति वर्ग मीटर            87370 रुपये प्रति वर्ग मीटर

C                  60020 रुपये प्रति वर्ग मीटर            63620 रुपये प्रति वर्ग मीटर

D                   50170 रुपये प्रति वर्ग मीटर             53180 रुपये प्रति वर्ग मीटर

E                   45380 रुपये प्रति वर्ग मीटर             48110 रुपये प्रति वर्ग मीटर

स्पोर्ट्स सिटी के निवेशकों को राहत नहीं

स्पोर्ट्स सिटी की सेक्टर-78, 79, 150 और 152 में फंसी 4 परियोजनाओं में नक्शे पास कराने और रजिस्ट्री पर लगी रोक बरकरार रहेगी. बोर्ड बैठक में निर्णय लिया गया कि सिर्फ सेक्टर-150 के 1 भूखंड पर रोक हटाने के बजाए सभी भूखंड के समाधान का रास्ता निकाला जाना चाहिए. इसके लिए शासन से गाइडलाइन जारी होगी.

नोएडा प्राधिकरण की 214वीं बोर्ड बैठक हुई. इसमें करीब 60 प्रस्ताव रखे गए. सेक्टर-150 के एससी-2 भूखंड परियोजना को आगे बढ़ाने का प्रस्ताव भी रखा गया. स्पोर्ट्स सिटी के अंतर्गत बिल्डरों को सस्ती दरों पर जमीन का आवंटन करना, खेल सुविधाएं विकसित करने के बजाए फ्लैट बनाना सहित अन्य बिंदुओं पर सीएजी ने आपत्ति लगाई थी.

प्राधिकरण ने CAG की आपत्तियों को आधार पर 18 जनवरी 2021 में हुई बोर्ड बैठक में स्पोर्ट्स सिटी से जुड़े हर काम पर रोक लगाने का फैसला लिया था. सीएजी ने वर्ष 2021 दिसंबर में रिपोर्ट विधानसभा में रख दी थी. इसके बाद से लोक लेखा समिति इस मामले में सुनवाई कर रही है. पिछले साल समिति ने स्पोर्ट्स सिटी के सेक्टर-150 स्थित एससी-2 भूखंड मामले में पांच-छह बार सुनवाई की. इसके बाद समिति ने प्राधिकरण को निर्देश दिया कि इस भूखंड की परियोजना पर लगी रोक हटाते हुए इसको आगे बढ़ाया जाए. इससे संबंधित प्रस्ताव नोएडा प्राधिकरण ने बोर्ड बैठक में रखा. बोर्ड में निर्णय हुआ कि स्पोर्ट्स सिटी के सिर्फ एक भूखंड की बजाए चारों परियोजनाओं का समाधान निकाला जाए. इन परियोजनाओं में करीब 15 हजार फ्लैट की रजिस्ट्री अटकी हैं.

सेक्टर-123 स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स को भी हरी झंडी : बोर्ड ने सेक्टर-123 में स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स को बनाने की मंजूरी दी दी. यहां 70 करोड़ रुपये की लागत से खेल सुविधाएं विकसित की जाएंगी.

बजट को मंजूरी मिली

बोर्ड बैठक में प्राधिकरण के वर्ष 2024-25 के लिए 7713 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दी गई. इस वित्तीय वर्ष में 7713 करोड़ प्राप्ति और 7435 करोड़ रुपये खर्च करने का लक्ष्य रखा गया है. 7713 में से संपत्ति की बिक्री, लीज रेंट आदि से 3795 करोड़ की प्राप्ति का लक्ष्य है.

विकास और निर्माण कार्यों पर 2432 करोड़ खर्च होंगे

प्राधिकरण विकास और निर्माण कार्यों पर 2432 करोड़ इस साल खर्च करेगा. इसके अलावा नोएडा में जमीन अधिग्रहण के लिए 500 करोड़ और नए नोएडा क्षेत्र में जमीन अधिग्रहण के लिए एक हजार करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दी गई. ग्रामीण विकास के लिए 159 करोड़ 40 लाख रुपये का बजट निर्धारित किया गया है. पिछले साल ग्रामीण विकास का बजट 120 करोड़ के आसपास था.

भंगेल एलिवेटेड रोड की चौड़ाई कुछ हिस्से में कम होगी

भंगेल एलिवेटेड रोड की चौड़ाई 90 मीटर हिस्से में कम होगी. पिलर नंबर-121 से 124 तक एलिवेटेड रोड के कैरिज की चौड़ाई 11.5 के बजाए 10.5 रहेगी. इसकी वजह यह है कि इस दायरे में भंगेल में कुछ इमारत आ रही थीं. अब इन इमारत के सिर्फ छज्जे तोड़े जाएंगे. पूरी इमारत तोड़ने की जरूरत नही होगी.

पैसा जमा नहीं करने वाले बिल्डरों पर कार्रवाई होगी

अमिताभकांत समिति के अंतर्गत बिल्डर-खरीदार मामले की स्टेटस रिपोर्ट बैठक में रखी गई. बताया गया कि 57 में से 22 परियोजना के बिल्डर ने कुल बकाये में से 25 % और 14 परियोजना के बिल्डर ने कुछ राशि जमा कराई है. पांच परियोजना का बकाया शून्य हो गया था. 16 प्रोजेक्ट के बिल्डर बकाया जमा करने के लिए आगे नहीं आए. जिन बिल्डरों ने पैसा जमा किया है, उनकी सोसाइटी में तीन हजार फ्लैट की रजिस्ट्री होनी प्रस्तावित है, जबकि अभी तक 1075 फ्लैट की रजिस्ट्री हुई है. बोर्ड ने आदेश दिया कि पैसा जमा नहीं करने वाले बिल्डरों पर आवंटन रद्द करने समेत अन्य कार्रवाई अमल में लाई जाए.

सुपरनोवा के लिए निवेशक तलाशे जाएंगे

सुपरनोवा प्रोजेक्ट को दिवालिया होने से बचाने के लिए बिल्डर की तरफ से निवेशक लाने का प्रस्ताव दिया गया था, जो बैंक और प्राधिकरण का बकाया देकर परियोजना को पूरा कराएंगे. सेक्टर-16बी में मैक्स बिल्डर के व्यावसायिक भूखंड को एनसीएलटी से बाहर निकालने के लिए एनओसी मिलेगी.