शब्बीर अहमद,भोपाल। क्या आपने कभी नीले रंग के आलू की कल्पना की है, नहीं ना। आज हम आपको नीले रंग (नीलकंठ प्रजाति ) आलू के बारे में जानकारी देंगे। यह कमाल मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के किसान मिश्रीलाल राजपूत ने किया है। किसान ने वो कर दिखाया जो दूसरे किसानों के मिसाल बन गया है। उन्होंने अपने खेत में नीले रंग के आलू उगाए हैं। ये नीलकंठ आलू कई मायने में अलग है। ये स्वादिष्ट भी है और सेहतमंद भी है। यह कमाल भोपाल के खजूरी कला गांव के किसान मिश्रीलाल राजपूत ने किया है।

आपने सफेद आलू देखा होगा लेकिन आज हम आपको नीले आलू दिखाने जा रहे है। जो खाने का स्वाद भी बढ़ाएगा साथ ही सफेद आलू से ज्यादा पौष्टिक आहार भी देगा। ये आलू आम आलू के मुकाबले जल्दी पकता है और इसमें एंटी ऑक्सीडेंट की मात्रा सामान्य आलू से ज्यादा होती है। ये स्वादिष्ट होने के साथ-साथ सेहत के लिए बेहद फायदेमंद भी हैं। आलू की इस वैरायटी को किसान मिश्रीलाल ने केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान शिमला से लाए थे।

नीलकंठ किस्म के 100 ग्राम आलू में एंथेसायनिन तत्व की मात्रा 100 माइक्रोग्राम तथा कैटोटिनायडस की मात्रा 300 माइक्रोग्राम तक होती है। सामान्य आलू में एंथेसायनिन 15 माइक्रोग्राम तक तथा कैटोटिनायडस 70 माइक्रोग्राम तक होता है। इन तत्वों को सामान्य शब्दों में एंटी ऑक्सीडेंट कहते हैं। एंटी ऑक्सीडेंट शरीर में हानिकारक तत्व के अपाच्य तत्वों को नष्ट करते हैं और हाजमा दुरुस्त करता है।
फिलाहल मिश्रीलाल ये आलू बाजार में नहीं बेचेंगे। वे पहले पर्याप्त मात्रा में बीज जमा करना चाहते हैं उसके बाद बड़े पैमाने पर इसकी पहले खेती करेंगे फिर बाजार में बेचेंगे। किसान मिश्रीलाल हमेशा कुछ अलग करने पर विश्वास रखते है। इससे पहले वे लाल भिंडी को अपने खेत में पैदावार सबको चौंका चुके है। वे मध्यप्रदेश से कृषि विभूषण पुरस्कार से सम्मानित भी हो चुके हैं।

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