दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर निजी कंपनियों के विज्ञापन में इस्तेमाल किए जाने पर केंद्र सरकार अब बेहद चौकन्नी हो गई है. अब सरकार इसको रोकने के लिए प्रतीक व नाम (अनुचित प्रयोग रोकथाम) कानून, 1950 में सजा का प्रावधान करने जा रही है. गौरतलब है कि अभी तक इस कानून में बेहद मामूली जुर्माना होता था. जिसमें करीब 400 गुना की भारी भरकम बढ़ोत्तरी करके इस जुर्माने को दो लाख रुपये किया जाएगा. उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय सात दशक पुराने अस कानून में संशोधन का मसौदा तैयार कर चुका है.
मसौदे पर सार्वजनिक राय लेने के साथ ही कानून मंत्रालय से विचार-विमर्श कर केंद्रीय कैबिनेट के पास भेजा जाएगा. कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद संशोधन विधेयक को संसद में पेश किया जाएगा. सरकार ने विज्ञापन में प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर लगाने वाली रिलायंस जियो इन्फोकॉम और पेटीएम को पिछले साल नोटिस जारी किया था. इस समय इस प्रतीक व नाम कानून में अधिकतम 500 रुपये जुर्माने का प्रावधान है.
बताया जा रहा है कि पिछले साल नोटिस भेजने के बाद सरकार ने दोनों कंपनियों पर जुर्माना भी लगाया गया था. इसके बाद कानून में बदलाव की रूपरेखा तैयार की जा रही थी. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय द्वारा तैयार किए मसौदे में पहली बार उल्लंघन करने पर जुर्माने की रकम दो लाख रुपये तय की गई है. एक बार से अधिक उल्लंघन पर जुर्माना बढ़कर पांच लाख रुपये तक किया जा सकता है. कानून का बार-बार उल्लंघन करने पर तीन से 6 माह तक की सजा भी हो सकती है.
मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बने इस तरह के कानून पर गौर करने के बाद जुर्माने में बढ़ोत्तरी की गई है. प्रतीक व नाम कानून के तहत उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री जैसे उच्च कार्यालयों के साथ ही ऐतिहासिक महत्व की वस्तुओं व व्यक्तियों की प्रतिष्ठा का संरक्षक है. यह कानून पीएम के नाम और तस्वीर का उपयोग वाणिज्यिक उद्देश्य के लिए करने से रोकता है.
दरअसल, सितंबर 2016 में रिलायंस जियो ने अपने विज्ञापन के जरिये जियो 4जी सेवा को मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना डिजिटल इंडिया के तौर पर प्रचारित किया था. 8 नवंबर, 2016 को नोटबंदी की घोषणा के बाद पेटीएम ने अपने विज्ञापन में इस कदम को ई-वॉलेट्स का इस्तेमाल बढ़ाने में मददगार बताते हुए स्वागत किया था उसके द्वारा छपवाए गए विज्ञापनों में प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर थी. जिसकी काफी आलोचना भी विपक्ष ने की थी. इससे सतर्क होकर अब ये योजना बनाई जा रही है.