कुंदन कुमार/बोधगया: मगध विश्वविद्यालय के नाम पर हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़, जम्मू कश्मीर आदि स्थानों पर फर्जी डिग्री बांटने का मामला अभी तक सुर्खियों में रहता था, परन्तु अब विदेशों में भी मगध विश्वविद्यालय की फर्जी डिग्री धड़ल्ले से बाटी जा रही है. इस संबंध में विश्वविद्यालय के 2 शिक्षकों पर म्यांमार जाकर फर्जी पीएचडी डिग्री बांटने का आरोप लगा है. इस मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए दोनों शिक्षकों के खिलाफ मगध विश्वविद्यालय थाना में मामला दर्ज कराया है. 

सोशल मीडिया पर वायरल हुई तस्वीर

मगध विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर डॉ उपेन्द्र कुमार द्वारा दर्ज एफआईआर नंबर 269/24 दिनांक 11/12/24 में लिखा गया है कि बौद्ध अध्ययन विभाग में कार्यरत शिक्षक विष्णु शंकर एव कैलाश प्रसाद  29 अगस्त 2024 को म्यांमार यानी बर्मा की राजधानी यांगून गए थे. वहां जाकर इन दोनों ने फर्जी तरीके से मगध विश्वविद्यालय की ओर से मानद डिग्री वितरित की थी. जानकारी हो कि मगध विश्वविद्यालय के नाम पर अनधिकृत रूप से विदेश में जाकर डिग्री बाटा गया है. फोटो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. सोशल मीडिया पर वायरल हुई एक तस्वीर में मगध विश्वविद्यालय के नाम पर म्यांमार के यंगून में जारी की गई एक पीएचडी डिग्री दिख रही थी. 

मामला रफा दफा हो गया

इस डिग्री पर वर्ष 2024 अंकित था और उस समय के कुलपति का हस्ताक्षर भी था. इस मामले की जांच के बाद यह पता चला कि बौद्ध अध्ययन विभाग के अंशकालिक व्याख्याता डॉ. विष्णु शंकर और बोधगया के डॉ. कैलाश प्रसाद इस घोटाले में शामिल थे. इससे पहले भी कई विदेशियों को बिना वीजा प्राप्त पीएचडी की डिग्री दी गई है, जिसमें निगरानी विभाग द्वारा जांच भी की गई, लेकिन पैसे और ऊंची पहुंच के बदौलत मामला रफा दफा हो गया, ऐसे लोग आज सेवानिवृति के बाद भी कार्यरत हैं, क्योंकि शीर्ष पद पर आसीन व्यक्ति के भइया कहलाते हैं.

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