नई दिल्ली। महाराष्ट्र, बिहार और दिल्ली के बाद अब एक और राज्य में सियासी हलचल तेज है. बात हो रही है झारखंड की, जहां मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ खनन लीज आबंटन मामले में चुनाव आयोग की सुनवाई पूरी हो गई है. आयोग कभी भी अपना फैसला दे सकता है. फैसला खिलाफ में गया तो हेमंत सोरेने को अपना पद छोड़ना पड़ सकता है. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं हेमंत सोरेन बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव का तरीका अपनाते हुए अपनी पत्नी को मुख्यमंत्री बना सकते हैं.

हेमंत सोरेन के खिलाफ खनन लीज आवंटन मामले में चुनाव आयोग में सुनवाई पूरी होने के साथ अब फैसले का इंतजार किया जा रहा है. फैसला यदि प्रतिकूल आया तो सोरेन को अयोग्य घोषित किया जा सकता है. ऐसे में बीजेपी का दावा है कि सोरेन की जगह उनकी पत्नी कल्पना को प्रदेश की कमान सौंपी जा सकती है. बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे का कहना है कि झारखंड में भाभी की ताजपोशी कराई जाएगी.

उन्होंने ट्वीट कर कहा कि झारखंड में भाभी जी के ताजपोशी की तैयारी, परिवारवादी पार्टी का बेहतरीन नुस्खा गरीब के लिए. इससे पहले बीजेपी सांसद ने बरहेट और दुमका विधानसभा में उपचुनाव होने का दावा किया था. उन्होंने कहा था कि झारखंड मुक्ति मोर्चा औरो कांग्रेस दिल्ली- रांची क्यों दौड़ रहा है रे भाई. हम बोले बरहेट, दुमका विधानसभा में उपचुनाव होगा तो हमको कांके भेज रहे थे? अब तो विधानसभा अध्यक्ष को कनाडा जाने से रोक दिए? इस्तीफे विकल्प है, दैइए दीजिए.

इधर चुनाव आयोग की तलवार सिर पर लटक ही रही है, वहीं दूसरी ओर शनिवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में बुलाई गई महागठबंधन विधायकों की बैठक में 11 विधायकों के नहीं पहुंचने से नहीं पहुंचे. जिसमें कांग्रेस विधायक भी शामिल हैं. इससे हेमंत सोरेन के लिए एक और मुसीबत पैदा हो गई है. हालांकि, बैठक के बाद संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि सभी विधायक एकमत हैं कि भाजपा के सपने को पूरा नहीं होने देंगे. मुख्यमंत्री के नेतृत्व में हम सभी एकजुट हैं. सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी.

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