दिल्ली. आज मोदी सरकार ने लोगों को बड़ी राहत देते हुए ग्रेच्युटी भुगतान संशोधन विधेयक को संसद से पास करा लिया. इसमें निजी और सरकारी क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों की ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा में बढ़ोत्तरी का प्राविधान किया गया है.

दरअसल इस समय तक ग्रेच्युटी की ये सीमा टैक्स फ्री नहीं थी. संसद में आज भी इस विधेयक के पास होने की उम्मीद बेहद कम थी लेकिन श्रम मंत्री संतोष गंगवार के अनुरोध के बाद इसे बिना चर्चा के सर्वसम्मति से पारित किया गया.

गौरतलब है कि अभी तक नियम के मुताबिक दस या अधिक लोगों को नौकरी देने वाले निकायों या संस्थानों के लिए ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम 1972 लागू है. जिसके मुताबिक कारखानों, दुकानों या प्रतिष्ठानों में लगे कर्मचारी जिन्होंने पांच साल तक की नियमित सेवा की है उनको ग्रेच्युटी दिए जाने का प्राविधान है.

सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के बाद सरकार ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा को दस लाख से बढ़ाकर बीस लाख रुपये कर दिया था. इसके बाद इसे निजी क्षेत्र में भी लागू किए जाने का सरकार पर भारी दबाव था. अब सरकार ने विधेयक को पास कर निजी क्षेत्र के कामगारों को भारी राहत दी है.