जालंधर. जालंधर पुलिस ने असला रखने के शौकीन लोगों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है, जिसके चलते अब नया असला लाइसैंस बनवाना आसान नहीं होगा।

नया असला लाइसैंस बनवाने के चाहवान पहले असला ब्रांच से असला फॉर्म लेकर लाइसैंस के लिए आवेदन करते थे, जिसके बाद वे अपने सभी दस्तावेज पूरे करते थे और कई सिफारिशों के बाद उन्हें अपना लाइसेंस मिल जाता था लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।

पुलिस कमिश्नर कुलदीप सिंह चहल के आदेशानुसार अब पुलिस ने असला लाइसैंस बनवाने के शौकीन लोगों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। अगर कोई भी व्यक्ति जो असला लाइसैंस बनवाना चाहता है, वह नए लाइसैंस के लिए आवेदन करता है, तो दस्तावेज पूरे होने के बाद, पुलिस असलाधारक की जांच के पीछे उसके काम की भी जांच करेगी।पुलिस जांच में पता चला है कि कई लोग अपने काम को बढ़ा-चढ़ाकर बताते हैं जबकि हकीकत में वे उक्त काम नहीं करते। 

उन्होंने कहा कि अब असला मालिक के घर के अलावा उसके कामकाज की भी गंभीरता से जांच की जाएगी, जिसके बाद उसके इनकम टैक्स की रिर्टन को भी देखा जाएगा कि असला लाइसेंस के लिए आवेदन करने वाले व्यक्ति की वार्षिक आय क्या है और उसका टर्नओवर कितना है, जिसके बाद उक्त व्यक्ति को व्यक्तिगत साक्षात्कार के लिए बुलाया जाएगा।

इसमें उनसे असलहा लाइसैंस लेने का कारण पूछा जाएगा। इसके बाद पुलिस कमिश्नरेट तय करेगा कि उक्त व्यक्ति को गोला-बारूद की जरूरत है या नहीं। उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में कमिश्नरेट पुलिस ने कई नए हथियार लाइसेंस धारकों के आवेदन पत्रों को खारिज कर दिया है, जिन्हें असला की आवश्यकता नहीं है।