दिल्ली. अक्सर फतवे इस तरह से जारी किए जाते हैं कि वे मजाक का सबब बन जाते हैं. कुछ फतवों के जारी होते ही हर तरफ आलोचना शुरु हो जाती है. ऐसा ही एक फतवा देवबंद के उलेमाओं ने जारी किया जिसके जारी होने के बाद ही आलोचना शुरु हो गई है.

दरअसल गाजियाबाद के एक शख्स ने देवबंद के फतवा विभाग से एक सवाल पूछा था कि क्या वह लाइफ इंश्योरेंस पालिसी ले सकता है. उसके जवाब में देवबंद के मौलाना ने फतवा जारी करते हुए कहा कि लाइफ इंश्योरेंस पालिसी खरीदने को इस्लाम में हराम बताया गया है. इसके पीछे तर्क ये है कि जब जीना और मरना अल्लाह के हाथ में है तो फिर इंश्योरेंस पालिसी क्यों ली जाय. क्योंकि इंश्योरेंस पालिसी किसी भी इंसान के जीवन की गारंटी नहीं देता है. इसलिए मुस्लिमों को इससे दूर ही रहना चाहिए.

देवबंद के मौलाना का इस बारे में कहना है कि ये फतवा इस्लामिक शरीयत के मुताबिक किया गया है. हम सिर्फ लोगों से अल्लाह में भरोसा रखने की बात करते हैं. हमारा कहना है कि लोग सिर्फ खुदा पर भरोसा रखें. इंश्योरेंस कंपनियों के चक्कर में न पड़े.

फिलहाल इस फैसले के बाद इसकी सोशल मीडिया पर आलोचना शुरु हो गई है. लोगों का कहना है कि नए जमाने में इस किस्म की दकियानूसी बातें सिर्फ लोगों को पिछड़ेपन तक ले जाती हैं.