दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट पुरुषो के लिए एक राहतभरा फैसला लेकर आया है. अपने एक ऐतिहासिक फैसले में देश की सर्वोच्च अदालत ने कहा है कि अब यौन उत्पीड़न औऱ तेजाब हमले के शिकार पुरुषों को भी मुआवजा मिलेगा.

सुप्रीम कोर्ट ने यौन उत्पीड़न से बच्चों की सुरक्षा यानि पाक्सो एक्ट पर सुनवाई कर रहे विशेष जजो को 2 अक्टूबर यानि गांधी जयंती के दिन से यह योजना लागू करने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पाक्सो एक्ट लिंग की समानता पर आधारित कानून है. इसलिए इसमें लिंग के आधार पर भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए.

सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने पाक्सो अदालतों से ये भी कहा है कि यौन उत्पीड़न के नाबालिग पीड़ितों के लिए मुआवजे का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए. अब दुराचार पीड़ित किशोरों को कम से कम चार लाख रुपये औऱ तेजाब हमले से पीड़ित पुरुषों या बच्चों को सात लाख का मुआवजा देने की बात कही गई है. अप्राकृतिक यौन पीड़ितों को चार से सात लाख रुपये तक मुआवजा, तेजाब से चेहरा बिगड़ने की हालत में सात लाख से लेकर अधिकतम आठ लाख रुपये तक पीड़ित को दिए जाने का प्रावधान नए कानून में किया गया है.