भारत सरकार एक बार फिर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में बड़ा बदलाव करने की तैयारी कर रही है. सूत्रों के अनुसार सरकार 12% जीएसटी स्लैब को पूरी तरह से हटाने पर विचार कर रही है. अगर ऐसा होता है तो आम लोगों के लिए कई जरूरी सामान सस्ते हो सकते हैं- जैसे कपड़े, मोबाइल फोन, डेयरी उत्पाद, टूथपेस्ट और जूते.

- सवाल उठता है: क्या यह चुनावी राहत है या आर्थिक राहत की दिशा में एक बड़ा कदम?
- अभी किन वस्तुओं पर 12% जीएसटी लगाया जाता है?
- वर्तमान में 12% जीएसटी स्लैब के अंतर्गत आने वाली वस्तुएं इस प्रकार हैं.
कपड़े और रेडीमेड गारमेंट
मोबाइल फोन और एक्सेसरीज
पनीर और मक्खन जैसे डेयरी उत्पाद
टूथपेस्ट, साबुन, शैम्पू
टॉफी और मिठाई
जूते और चप्पल
ईंटें और संरक्षित खाद्य पदार्थ
ये सभी वस्तुएं आम आदमी की रोजमर्रा की जरूरतों से जुड़ी हैं. जीएसटी में कमी का सीधा असर इनकी कीमतों पर पड़ेगा.
12% स्लैब हटाने पर क्या होगा?
अगर सरकार 12% जीएसटी स्लैब को खत्म कर देती है और इन वस्तुओं को 5% या 18% स्लैब में समायोजित करती है, तो दो संभावनाएँ बनती हैं:
संभावना-1: 12% से 5% पर शिफ्ट
उपभोक्ताओं को सीधा लाभ मिलेगा.
उत्पाद सस्ते हो जाएँगे.
माँग बढ़ेगी.
संभावना-2: 12% से 18% पर शिफ्ट
उत्पाद महंगे हो जाएँगे.
महंगाई बढ़ने की संभावना.
फिलहाल संकेत पहले विकल्प की ओर हैं- यानी आम लोगों को “सस्ता बाज़ार” मिल सकता है.
जीएसटी काउंसिल की बैठक में होगा फैसला
सरकार जल्द ही जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक बुलाने जा रही है, जो संभवतः इस महीने के अंत तक हो सकती है. इस बैठक में तय होगा कि 12% टैक्स स्लैब का क्या होगा. गौर करने वाली बात यह है कि अभी तक सरकार की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन नीति आयोग और वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के बीच चर्चा तेज हो गई है.
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
कर विश्लेषकों का मानना है कि चार कर स्लैब (5%, 12%, 18%, 28%) को तीन या दो स्लैब से बदलने की योजना पर पहले से ही विचार चल रहा है. अर्थशास्त्रियों का कहना है, “कम कर स्लैब से कर संग्रह में पारदर्शिता और अनुपालन दोनों में सुधार होता है.”
12% स्लैब हटने से आम आदमी के लिए क्या मायने होंगे?
- उत्पाद वर्तमान कर संभावित नया कर अनुमानित प्रभाव
- मोबाइल फोन 12% 5% या 18% या कीमत बढ़ या घट सकती है
- रेडीमेड कपड़े 12% 5% कीमत घटेगी
- टूथपेस्ट/साबुन 12% 5% सस्ते मिलेंगे
- डेयरी आइटम 12% 5% कीमत घट सकती है
क्या बाजार सस्ता होगा या ब्रांड महंगे होंगे?
अगर सरकार वाकई 12% जीएसटी स्लैब को हटाकर 5% पर ले जाती है तो आम उपभोक्ताओं के लिए यह बड़ी राहत होगी – खास तौर पर त्योहारों और चुनावी माहौल के बीच. लेकिन अगर सरकार उत्पादों को 18% स्लैब में ले जाती है तो यह आम लोगों पर महंगाई का नया बोझ भी बन सकता है. अंतिम फैसला जीएसटी काउंसिल की बैठक में ही होगा – उम्मीद है कि फैसला सकारात्मक होगा.
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