रायगढ़। कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच आई प्राकृतिक आपदा में रायगढ़ पुलिस ने मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए बाढ़ पीडितों की मदद के लिये “संवेदना कैंपेन” चलाया। माह अगस्त के अंतिम सप्ताह में प्रदेश में हुई भारी बारिश से महानदी के तटीय क्षेत्र सैलाब की जद़ में आये थे। जिससे थाना पुसौर, सरिया, सारंगढ़ व कोसीर क्षेत्र के दर्जनों गांव इससे ज्यादा प्रभावित हुये। पुलिस, जिला प्रशासन, होमगार्ड एवं बाढ़ बचाव दल द्वारा हजारों बाढ़ पीडितों को समय से विनाशकारी बाढ़ के बीच से बचाकर अस्थायी राहत शिविरों में ठहराया गया था ।

प्रशासन एवं जिला पुलिस के आला अधिकारियों द्वारा राहत कैम्पों में भोजन, चिकित्सा एवं अन्य आवश्यक सेवाएं की यथोचित व्यवस्था कराई गई । कलेक्टर भीम सिंह एवं पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह राहत शिविरों में जाकर व्यवस्थाओं की जानकारी लिये तथा सुविधाओं को बढ़ाने का निर्देश दिया था ।

बाढ़ प्रभावित गांवों से बाढ़ का पानी निकल जाने के बाद भी कुछ दिनों तक बाढ़ पीडित राहत शिविरों में थे, जिनसे पुलिस अधीक्षक रायगढ़ संतोष कुमार सिंह जाकर मिले, उनसे चर्चा किये और उनकी समस्याएं सुने । प्रभावितों ने कच्चे मकानों को सुधार कराने के लिए एसपी से गुहार लगाया। जिन्हें एसपी द्वारा प्रशासन की ओर से नुकसान का आंकलन पश्चात उचित मुआवजा मिलने की जानकारी दिये व रायगढ़ पुलिस द्वारा भी यथासंभव मदद करने का आश्वासन दिया।

पुलिस द्वारा जनसहयोग से बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिये जीवनापयोगी, पुर्नवास के सामानों को एकत्र करने “संवेदना” कैंपेन चलाने का निर्णय लिया गया। कैंपेन अपनी पूरी रफ्तार में था कि इसी बीच एसपी रायगढ़ के कोरोना संक्रमित होने की खबर सामने आई बावजूद इसके एसपी संतोष सिंह और उनकी टीम ने कैंपेन पर इसका कोई असर नहीं  होने दिया।  एसपी संतोष सिंह द्वारा ऑनलाइन सभी अधिकारियों को गाइड करना प्रांरभ किया। रायगढ़ के लोगों व संस्थाओं द्वारा पूरी दरियादिली से थाना/चौकी में बाढ़ पीडितों के वितरण के लिये आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध कराते रहे, जिससे राहत सामग्रियों का भंडार लग गया ।

पुलिस अधीक्षक के दिशा निर्देशों पर कार्य करते हुए एडिशनल एसपी अभिषेक वर्मा द्वारा वितरण सामग्री वितरण के लिये सभी राजपत्रित अधिकारियों एवं थाना प्रभारियों को लाइनअप किये । बाढ़ प्रभावितों के नुकसानी का आंकलन थाना प्रभारियों से कराये, किन्हें पुर्नवास सामग्रियों की ज्यादा आवश्यकता है उन्हें चिन्हांकित किया गया और इस प्रकार सूची तैयार की गई ।

कल रात से ही पिकअप वाहन और ट्रक के जरिये दूरस्थ थाना क्षेत्र कापू, धरमजयगढ़, लैलूंगा से राहत सामग्री लोड कर थानों के लिये निकली थी । आज सुबह भी कई थानों से राहत सामग्री लेकर वाहन पुसौर, सरिया, सारंगढ़, कोसीर थाना पहुंचे । सुबह से देर शाम तक लोगों को आना प्रारंभ हुआ । कोरोना को देखते हुये आवश्यक सावधानी बरतते हुये एक घंटे में न्यूनतम लोगों को परिसर में आने की अनुमति थी । बाढ़ पीडितों में आवश्यकता अनुसार कंबल, लूंगी, धोती, गमछा,  साड़ी, एलवेस्टर/टिन शेड, तिरपाल, सीमेंट, जूता चप्पल, रेडीमेड कपड़े , बांस, बर्तन , बाल्टी, मग,  गद्दा , चटाई, मच्छरदानी, चादरे साबुन, सर्फ, टॉर्च व राशन सामग्री का वितरण किया गया तथा वाहनों से उनके गांवों तक सामानों को पहुंचाया गया ।

आज पहले दिन सबसे प्रभावित परिवारों- सरिया के 21 गांव के 217 परिवार, पुसौर  के 13 गांव के 133 परिवार, कोसीर के 09 गांव के 51 परिवार एवं सारंगढ क्षेत्र के 05 गांव 50 परिवारों को राहत सामग्री वितरण हुआ है । अगले कुछ दिनों में हजारों परिवारों तक सामानों का वितरण किया जावेगा । अभी भी कुछ सहयोगकर्ता द्वारा कैम्पेन को सहयोग किया जा रहा है, ऐसे में उन सामग्रियों का वितरण गांव-गांव जाकर पुलिस टीम करेगी ।

थाना परिसर में आये बाढ़ पीडितों द्वारा जिस प्रकार हृदय से पुलिसकर्मियों को अभार व्यक्त किया गया वह पुलिसकर्मियों के हृदय को छू गई । ग्राम सिलाड़ी के एक बुजुर्ग बताते है कि “हमर गांव बाढ़ आये रहिस, साहब मन आये रहिन, रायगढ़ ले एसपी साहब मन । ओ मन देखिन हमन ला,  अउ पुसौर थाना बुलाके हमन ला समान देहें, जे-जे समान मांगे रहेन दिन हे।

ग्राम बाराडोली की निशक्त वृद्ध महिला अपनी जबानी बताई कि “हमारा गांव बाराडोली बाढ़ से डूब गया था, तब भी पुलिस बाबू आकर मदद किये थे, आज थाना बुलाकर भी पुलिस बाबू मदद किये हैं, मेरा कोई नहीं है, मुझे सब सामान दिया गया है मैं बहुत खुश हूं ।  इस कैंपेन को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग किये सभी रायगढ़ के विभिन्न लोगों व संस्थाओं को रायगढ़ पुलिस की ओर से धन्यवाद दिया गया हैं।