चंडीगढ़. पंजाब में प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पहले से आसान होने जा रही है। बताया जा रहा है कि पंजाब सरकार ने इस संबंध में एक योजना पर काम करना शुरू कर दिया है। अब पासपोर्ट की तर्ज पर रजिस्ट्रियां होंगी।

जिस तरह लोग पासपोर्ट बनवाने के लिए पहले ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट लेते हैं और बाद में एक ही छत के नीचे अलग-अलग काउंटरों पर फोटो खिंचवाते हैं, दस्तावेज चेक करवाते हैं और फीस जमा करते हैं, उसी तरह अब प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री भी होगी। सूत्रों के मुताबिक यह भी पता चला है कि यह पायलट प्रोजेक्ट मोहाली और बठिंडा में शुरू किया जाएगा।

रजिस्ट्री की नई व्यवस्था में ऑनलाइन अपॉइंटमेंट लेने के बाद एक ही छत के नीचे अलग-अलग काउंटरों से गुजरते हुए रजिस्ट्री हो जाएगी। इससे पूरी प्रक्रिया आसान हो जाएगी। प्रत्येक कार्य के लिए समय सीमा तय करने और शुल्क ऑनलाइन जमा करने पर विचार किया जा रहा है। इससे समय भी कम लगेगा और भ्रष्टाचार भी लगाम लग सकेगी

मौजूदा समय दौरान ऐसे होती है रजिस्ट्री


विक्रेता और खरीदार डीड राइटर के पास जाते हैं। वह जायदाद के कागजात जैसे जमीन का खसरा नंबर, सौदे की शर्तें, गवाहों की जानकारी, संबंधित क्षेत्र का कलेक्टर रेट, जमीन के खरीदार और विक्रेता की जानकारी सहित अन्य बिंदुओं को दर्ज करता है। उनकी जांच करने के बाद वे देखते हैं कि प्रॉपर्टी डील के हिसाब से फीस कितनी फीस बनती है।

  • लोग रजिस्ट्री कराने के लिए डीड राइटर से अपॉइंटमेंट लेते हैं। इसके साथ ही स्टांप पेपर ऑनलाइन खरीदा जाता है। सभी प्रकार की सरकारी फीस जमा होती है।
  • अप्वाइंटमेंट के मुताबिक लोग डीड राइटर के साथ पटवारखाने जाते हैं।
  • नंबरदार तहसीलदार के पास जाने से पहले सभी दस्तावेजों का तस्दीक करता है।
  • तहसीलदार के सामने विक्रेता और खरीदार पहुंचते हैं। दोनों पक्ष की फोटो खींचने के बाद दस्तावेज पर अपने हस्ताक्षर करते हैं।
  • तहसीलदार की मुहर लगते ही रजिस्ट्री हो जाती है।
  • अंत में, एक हस्तांतरण होता है, जो राजस्व रिकॉर्ड में संपत्ति को नए मालिक के नाम पर दर्ज कर देता है।