पंजाब के स्कूलों में अब शिक्षक केवल पढ़ाने का ही काम करेंगे, जबकि मैनेजमेंट से जुड़े अन्य काम करने के लिए एस्टेट मैनेजर नियुक्त किए जाएंगे। इसके लिए सरकार जुलाई में भर्ती प्रक्रिया शुरू करेगी।
इससे जहां राज्य के युवाओं को रोजगार मिलेगा वहीं, स्कूलों का काम भी अच्छे से चलेगा। साथ ही विद्यार्थियों की पढ़ाई भी किसी तरह से प्रभावित होगी।
शिक्षामंत्री हरजोत सिंह बैंस का कहना है कि सरकारी स्कूलों का सिस्टम पूरी तरह से बदलने की दिशा में काम किया जा रहा है। उसी कड़ी में यह कदम उठाए जा रहे हैं। सूबे में करीब 20 हजार सरकारी स्कूल हैं, इनमें 12 हजार प्राइमरी स्कूल हैं। इनमें 30 लाख विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।
काफी समय से ऐसे चल रहा था कि कुछ शिक्षक स्कूलों की जगह विभाग के दफ्तर में अपनी ड्यूटी लगवा लेते थे। ऐसे में पढ़ाने से बच जाते थे जबकि अधिकतर स्कूलों में प्रिंसिपल की अगुवाई में शिक्षकों की कमेटियां सारी जिम्मेदारी उठाती थीं लेकिन इस वजह से स्कूलों में पढ़ाई प्रभावित होती थी।
जब राज्य में नई सरकार आई तो फैसला लिया गया कि शिक्षक स्कूलों में केवल पढ़ाने का काम करेंगे। इसके साथ ही स्कूलों में इनकी नियुक्ति को लेकर बजट में फंड का प्रावधान किया गया। इसके बाद अब विभाग ने इनकी नियुक्ति की तैयारी की है। हालांकि विभाग के अधिकारियों का साफ कहना है कि यह मैनेजर स्कूल प्रिंसिपल के अधीन काम करेंगे। सूत्रों की माने तो अब यह तय किया जा रहा है कि जो छोटे स्कूल हैं, उनकी जिम्मेदारी यह कैसे संभालेंगे। इसके बारे में जल्दी ही सारा प्रारूप विभाग द्वारा तैयार किया जाएगा। इसके बाद इसे लागू किया जाएगा।
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