पंजाब में अब निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगने वाली है. सरकार ने कड़ा रूख अपनाते हुए निजी स्कूलों के लिए आने वाली शिकायतों की जांच के लिए कार्यबल गठित करने की घोषणा की है. प्राइवेट स्कूलों की मनमानी के खिलाफ शिकायत दर्ज करने के लिए एक ई-मेल [email protected] लॉन्च की गई है. इस ईमेल पर प्राइवेट स्कूलों की मनमानी के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई जा सकती है.

पंजाब में प्राइवेट स्कूलों की मनमानी के खिलाफ अब पंजाब सरकार ने सख्त रवैया अपनाया है. मनमानी फीस वसूल करने वाले प्राइवेट स्कूलों के खिलाफ अब पंजाब सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए हर जिले में एक कार्यबल गठित करने की घोषणा की है.

 लंबे समय से निजी स्कूलों के खिलाफ बच्चों के पेरेंट्स की शिकायत आ रही थी कि किताबों और पुस्तिकाओं के अलावा अन्य कई चीजों के नाम पर प्राइवेट स्कूल अपनी मनमानी से पैसा लूट रहे है, जिसको देखते हुए शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस की तरफ से बड़ा फैसला लिया गया है.

शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि हर जिले में जो कार्यबल गठित किया जाएगा उसमें तीन प्रधानाचार्य होंगे. कार्यबल द्वारा शिक्षा मंत्री को मिली शिकायत की जांच की जाएगी और इसकी रिपोर्ट नियामक प्राधिकारी को सौंपी जाएगी. बैंस ने कहा कि सीएम मान को प्राइवेट स्कूलों की मनमानी को लेकर कई शिकायते मिली है राज्य सरकार शिक्षा को व्यवसाय नहीं बनने देगी. उन्होंने कहा सभी काम कानून और नियम के अनुसार होंगे और उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

हैरान हंू… ‘पहली कक्षा की किताबे 7 हजार में’

शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने कहा कि पंजाब के सभी जिलों के जिला शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से निजी स्कूलों को एक पत्र जारी कर उनसे किताबों, पुस्तिकाओं और स्कूल फीस को लेकर नियमों का पालन करने के लिए कहा गया था. इस दौरान उन्हें यह जानकारी हैरान हुई कि निजी स्कूल पहली कक्षा की किताबें 7 हजार रुपए तक बेच रहे है.