रायपुर.राज्य शासन द्वारा सहकारी समितियों के उपार्जन केन्द्रों में किसानों को टोकन के साथ अधिकतम पांच किश्तों में धान बेचने की सुविधा दी जा रही है। सिर्फ वास्तविक किसानों से धान की खरीदी हो और बिचौलियों को अवसर न मिले, इस उद्देश्य से यह व्यवस्था की गई है। पिछले वर्ष तीन किश्तों में यह सुविधा दी जा रही थी। इस वर्ष यह भी निर्णय लिया गया है कि एक ही किश्त में धान बेचने वाले किसानों को मोटा और पतला धान एक साथ बेचने की भी सुविधा दी जाए। खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि चालू खरीफ विपणन वर्ष 2017-18 में समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले 15 लाख 78 हजार किसानों का पंजीयन किया गया है। यह अब तक की सबसे बड़ी संख्या है। पिछले साल 2016-17 में 14 लाख 51 हजार किसानों ने अपना पंजीयन करवाया था। उपार्जन केन्द्रों में खरीदी व्यवस्था को किसानों की सुविधा के अनुरूप लगातार बेहतर से बेहतर बनाया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि पिछले खरीफ वर्ष 2016-17 में समर्थन मूल्य पर सहकारी समितियों को धान बेचने वाले कुल 13 लाख 28 हजार किसानों में से 12 लाख 76 हजार (96 प्रतिशत) किसानों द्वारा तीन किश्तों में धान बेचा गया था। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि राज्य शासन द्वारा चालू खरीफ वर्ष 2017-18 में समर्थन मूल्य के अलावा तीन सौ रूपए प्रति क्विंटल की दर से धान प्रोत्साहन (बोनस) राशि भी देने का निर्णय लिया गया है। शासन द्वारा सभी जिला कलेक्टरों को धान खरीदी के दौरान बिचौलियों पर कड़ी निगाह रखने के निर्देश दिए गए हैं। जिला कलेक्टरों से कहा गया है कि अगर उनके जिले की सीमा किसी पड़ोसी राज्य से लगती है तो वे अपने जिले के संबंधित अधिकारियों के माध्यम से सीमावर्ती इलाकों को भी ध्यान में रखें। इस वर्ष धान खरीदी प्रारंभ होने के पहले ही अवैध खरीदी और संग्रहण की सूचना मिलने पर अब तक बिचौलियों के विरूद्ध राज्य के 22 जिलों में 163 प्रकरण दर्ज कर दस हजार 321 क्विंटल धान जब्त किया गया है।