रायपुर। नक्सल प्रभावित तथा आदिवासी बहुल वनमंडल नारायणपुर में भी तेन्दूपत्ता संग्रहण वर्ष 2019-20 की पारिश्रमिक राशि के नगद भुगतान करने की सशर्त अनुमति प्रदान कर दी गई है. नारायणपुर वनमंडल के जिन तेन्दूपत्ता संग्राहकों के बैंक खाते नहीं है तथा जिन ग्रामों की दूरी बैंक से 4-5 किलोमीटर से अधिक है, ऐसे संग्राहकों को अब नगद भुगतान करने संबंधी आदेश आज वन विभाग के प्रमुख सचिव मनोज पिंगुआ द्वारा जारी कर दिया गया है.

गौरतलब है कि विगत 29 जून को राज्य के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में स्थित सुकमा, दंतेवाड़ा और बीजापुर वनमण्डल के तेंदूपत्ता संग्राहकों को तेंदूपत्ता संग्रहण के पारिश्रमिक की राशि का नगद भुगतान करने की स्वीकृति प्रदान की गई थी. नारायणपुर वन मंडल के 8 प्राथमिक वनोपज सहकारी समिति में 161 फड़ हैं और यहां तेन्दूपत्ता संग्राहकों की संख्या 17 हजार 766 है. गत दिवस 3 जुलाई की स्थिति में 12 हजार 665 मानक बोरा तेन्दूपत्ता का संग्रहण किया गया है.

नारायणपुर वनमंडल आदिवासी बहुल तथा अति संवेदनशील है और यहां सुदूर इलाकों में बैंकिंग सुविधा नहीं है. साथ ही यहां निवासरत सभी तेन्दूपत्ता संग्राहकों के बैंकों में खाते भी नहीं है. जिससे भुगतान के लिए राशि आहरण करने में उन्हें अधिक दूरी चलकर कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है.

इस संबंध में क्षेत्रीय विधायक तथा जिले के प्रतिनिधि और तेन्दूपत्ता संग्राहकों द्वारा नगद राशि भुगतान करने के संबंध में समय-समय पर आग्रह किया गया. इसके मद्देनजर कलेक्टर जिला नारायणपुर की अनुशंसा के आधार पर तेन्दूपत्ता संग्राहकों को अब पारिश्रमिक राशि के नगद भुगतान की सशर्त अनुमति दी गई है.