नई दिल्ली. गांजे का व्यापार भारत में जहां बेचना गैरकानूनी माना जाता है, वहीं अब कनाडा में करीब एक दशक तक गांजे पर लगा प्रतिबंध समाप्त हो गया. पश्चिम के इस बड़े राष्ट्र ने गांजे की बिक्री और इसके शौकिया इस्तेमाल को वैध कर दिया है. इस बदलाव का जहां कई वर्गो ने स्वागत किया है. वहीं स्वास्थ्य से जुड़े लोगों और विपक्षी दलों ने इस पर सवाल उठाए हैं. कनाडा से पहले उरुग्वे गांजा पर से प्रतिबंध हटा चुका है.
हालांकि अनधिकृत तौर पर इसकी खरीद-बिक्री को अभी भी अपराध की श्रेणी में रखा गया है. साथ ही नाबालिगों को गांजा या इस तरह का नशीला उत्पाद बेचने पर 14 साल तक की सजा का प्रावधान भी है.
2015 में चुनाव प्रचार के दौरान कनाडा के मौजूदा राष्ट्रपति जस्टिन ट्रूडो ने गांजे को वैध करने का वादा किया था. उनका तर्क था कि दुनियाभर में गांजे संबंधी उत्पादों का सबसे ज्यादा इस्तेमाल कनाडा में ही होता है जिसे रोकना मुमकिन नहीं है. आकंड़ों के मुताबिक साल 2017 के दौरान कनाडा के करीब 49 लाख लोगों ने लगभग 37 हजार करोड़ रुपये की कीमत के इन मादक पदार्थो का इस्तेमाल किया था.