जंतर-मंतर से हटाए गए पहलवानों ने एक बड़ा फैसला लिया है. पहलवानों ने गंगा में अपने मेडल बहाने का ऐलान किया है. पहलवान बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक ने सोशल मीडिया पर बयान जारी कर इसकी जानकारी दी है. हरिद्वार में मेडल बहाने के बाद पहलवान इंडिया गेट पर आमरण अनशन भी करेंगे.

ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया ने मंगलवार को ट्वीट कर बताया कि पहलवान आज शाम 6 बजे हरिद्वार जाकर गंगा नदी में अपने मेडल प्रवाहित करेंगे। इसके बाद वो इंडिया गेट पर आमरण अनशन शुरू करेंगे। 

पहलवानों ने कहा, मेडल हमारी जान हैं, हमारी आत्मा हैं. इनके गंगा में बह जाने के बाद हमारे जीने का भी कोई मतलब रह नहीं जाएगा. इसलिए हम इंडिया गेट पर आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे. इंडिया गेट हमारे उन शहीदों की जगह है जिन्होंने देश के लिए अपनी देह त्याग दी. हम उनके जितने पवित्र तो नहीं हैं लेकिन अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेलते वक्त हमारी भावना भी उन सैनिकों जैसी ही थी.

पहलवानों ने कहा, अपवित्र तंत्र अपना काम कर रहा है और हम अपना काम कर रहे हैं, अब लोगों को सोचना होगा कि वह अपनी इन बेटियों के साथ खड़े हैं या इन बेटियों का उत्पीड़न करने वाले उस तेज सफेदी वाले तंत्र के साथ. आज शाम 6 बजे हम हरिद्वार में अपने मेडल गंगा में प्रवाहित कर देंगे. इस महान देश के हम सदा आभारी रहेंगे.

रविवार को दिल्ली पुलिस ने पहलवानों को मार्च निकालने पर हिरासत में ले लिया था. साथ ही जंतर मंतर से पहलवानों के धरने की जगह को भी खाली करा दिया था. कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए विनेश फोगाट ने पत्र में कहा, पुलिस ने हमें कितनी बर्बरता से गिरफ्तार किया. हम शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे थे. हमारे आंदोलन की जगह भी छीन लिया और अगले दिन गंभीर मामलों में हमारे ऊपर ही एफआईआर दर्ज कर दी गई. क्या महिला पहलवानों ने अपने साथ हुए यौन उत्पीड़न के लिए न्याय मांगकर कोई अपराध कर दिया है?

पत्र में पहलवानों ने इस मेडल को राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री को न सौंपकर गंगा में ही बहाने की वजह भी बताई है. इसमें लिखा, हमारे सामने सवाल आया कि मेडल किए लौटाएंगे. हमारी राष्ट्रपति को जो खुद एक महिला हैं. मन ने ना कहा, क्योंकि वह हमें सिर्फ 2 किलोमीटर दूर बैठी सिर्फ देखती रहीं, लेकिन कुछ भी नहीं बोलीं.

पीएम मोदी को मेडल न लौटाने की वजह बताते हुए लिखा गया कि प्रधानमंत्री हमें अपने घर की बेटियां बताते थे. उन्होंने एक बार भी अपने घर की बेटियों की सुध नहीं ली. बल्कि नई संसद के उद्घाटन में हमारा शोषण करने वाले (बृजभूषण शरण सिंह) को ही बुलाया. वह तेज सफेदी वाले चमकदार कपड़ों में फोटो खिंचवा रहा था. उसकी सफेदी हमें चुभ रही थी. मानो कह रही हो मैं ही तंत्र हूं.

कुश्ती में देश के लिए पदक जीतने वाले पहलवान बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक सहित कई पहलवान 23 अप्रैल से जंतर-मंतर पर धरना दे रहे थे. इन्होंने भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह और कुछ अन्य लोगों पर महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न, अभद्रता, क्षेत्रवाद जैसे गंभीर आरोप लगाए. साथ ही बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की भी मांग की.