रायपुर. दिवंगत पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी और छत्तीसगढ़ के राज्यपाल बलरामजी दास टंडन का ये दुर्लभ तस्वीर एक दैनिक अख़बार के पत्रकार ताबीर हुसैन ने अपने फेसबुक पेज पर साझा किया है. फेसबुक पर सूचनाओं के ढेर को सरसरी तौर पर निगाह मारते हुए माउस के कर्सल को तेजी से आगे बढ़ा ही रहा था कि हाथ अचानक एक तस्वीर पर ठिठक गया.

हाँ, यही तस्वीर…, जिसकी मैं यहाँ पर चर्चा कर रहा हूँ. ताबीर हुसैन ने तस्वीर के कैप्शन में लिखा है ‘ अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों…’. तस्वीर को देखने के बाद मेरी आँखें भी भर आईं. सोचा कि क्यों ना मैं भी ये तस्वीर आप तक साझा करूँ. तस्वीर शेयर करने के साथ ही आपसे कुछ दर्द भी साझा करना चाहता हूँ. अपने पत्रकारिता के छोटी से आयु में ऐसा मौका कभी और नहीं देखा था.

एक पत्रकार के नाते किसी भी बड़े सेलिब्रिटी की मौत की सूचना को सिर्फ एक खबर के रूप में ही ट्रीट करता हूँ. उससे कोई डायरेक्ट या कोई इमोशनली वास्ता नहीं होता है. आज ना जाने क्यों अटल बिहारी वाजपेयी के निधन की समाचार लिखते हुए उँगलियाँ कांप रही थी. विराट व्यक्तित्व के धनी अटल जी के नाम से मेरा सिर्फ इतना ही जुड़ाव था कि उनकी कविताओं को पढ़कर खूब प्रेरणा मिलती है.

मैं स्वयं को मुख्यतः साहित्यकार और अंशतः पत्रकार मानता हूँ. इसलिए अटल जी के नाम के प्रति ही मेरा व्यक्तिगत लगाव था. मुझे लगता है कि यदि अटल जी जीवनभर सिर्फ कविताएँ ही कर रहे होते तो वे कवियों के फेहरिस्त में सबसे ऊपर होते. अटल जी की पुस्तक ‘ मेरी इक्यावन कविताएँ’ ये किताब मैंने 12 साल पहले पढ़ी थी. ये नाचीज याने मैं इतना बड़ा कोई तुर्रम खां भी नहीं कि अटल जी से मिलने वाली कोई यादें साझा कर सकूँ. सिर्फ अटल जी के नाम से ही स्कूल-कॉलेज के दिनों की मुझसे कई बातें जुड़ी है. पता नहीं क्यों इस तस्वीर ने मुझे कुछ ज्यादा ही भावुक कर दिया. इसलिए आप तक ये दुर्लभ तस्वीर मैं भी साझा कर रहा हूँ.

साथ ही एक दूसरी तस्वीर भी सोशल मीडिया में आज जमकर वायरल हो रही है. दूसरी तस्वीर है युवाओं के दिलों में राज करने वाले पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम आजाद और पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की. इस तस्वीर के कैप्शन भी लाजवाब हैं, इसलिए आप तक इसे भी साझा कर रहा हूँ.

लेखक- कंचन ज्वाला कुंदन ( ये लेखक के निजी विचार हैं )