नई दिल्ली। धर्म प्रचार के नाम पर दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज से निकलकर देश के कोने-कोने पहुंचे देशी-विदेशी मौलानाओं ने कोरोना का खौफ और बढ़ा दिया है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि कोरोना के खतरे के बीच भी मरकज के मुखिया मौलाना साद मरकज को खाली कराने के लिए राजी नहीं थे. ऐसी स्थिति में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को रात दो बजे सक्रिय होना पड़ा, जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने मरकज को खाली करने का अभियान शुरू किया.

दरअसल, निजामुद्दीन मरकज में हर समय जमा होने वाले देश-विदेश के दो-तीन हजार लोगों को लेकर दिल्ली पुलिस ने 23 मार्च को औपचारिक तौर पर मरकज के मौलानाओं को चेतावनी दे दी थी. सख्त लहजे में दिए गए संदेश का भी मौलानाओं पर असर नहीं हुआ, लेकिन जब लोगों की मौत होने लगी, तब जाकर दिल्ली पुलिस को मैदान में उतरना पड़ा.

लेकिन मरकज के मुखिया मौलाना साद मरकज को खाली करने में आनाकानी करने लगे, जिसकी सूचना गृह मंत्री अमित शाह को मिलने पर उन्होंने एनएसए अजीत दोवाल से संपर्क किया. और अजीत दोवाल 28ने -28 मार्च की दरमियानी रात को दो बजे मरकज में दस्तक दी. मौलानाओं से पहले से ही संपर्क होने की वजह से अजीत दोवाल को मौलाना साद से मुलाकात करने में कोई परेशानी नहीं आई. उन्होंने उन्हें मरकज को खाली कराने के लिए राजी किया.

बता दें कि दोवाल ने बीते दशकों में भारत के अलावा विदेशों में विभिन्न मुस्लिम आंदोलनों से निकट का रिश्ता बनाकर रखे हुए हैं. यही वजह है कि भारत की रणनीतियों को लेकर तमाम मुस्लिम उलेमाओं से चर्चा में अजीत दोवाल का नाम पहले क्रम पर रहता है.
इधर गृह मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार, जनवरी के बाद से 200 से करीब विदेशियों ने मरकज में होने वाले आयोजनों में हिस्सा लिया है. शुरुआती रिपोर्ट के अनुसार, इन सभी विदेशियों ने वीजा के नियमों का उल्लंघन करते हुए अपने आप को धर्म प्रचारक बताने की बजाए पर्यटक बताया है, अब कयास लगाए जा रहे हैं कि इन तमाम लोगों को ब्लैक लिस्ट में डालकर भारत में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा.

6 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज

इधर दिल्ली में लॉकडाउन के दौरान दिए गए निर्देशों का पालन नहीं करने पर दिल्ली पुलिस ने तबलीगी मरकज के छह लोगों के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने मामला दर्ज किया है. इनमें मौलाना साद, डॉ. जिशान, मुफ्ती शहजाद, एम सैफी, युनुस और मोहम्मद सलमान शामिल हैं.

दिल्ली पुलिस के अनुसार, मरकज को रात 3.30 बजे तक पूरी तरह से खाली करा लिया गया है. दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि मरकज से निकाले गए 2361 लोगों में से 617 लोगों में लक्षण नजर आने के बाद अस्पताल में दाखिल कराया गया है, वहीं अन्य को क्वारेंटाइन किया गया है. उन्होंने मरकज को खाली कराने की कार्रवाई में शामिल रहे तमाम लोगों को धन्यवाद दिया.