नई दिल्ली। पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान को सबक सीखने के लिए भारत अपनी तैयारियों में जुटा है. तनाव भरे माहौल में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर सुरक्षा स्थिति पर चर्चा की. यह कवायद देश के चुनिंदा स्थानों पर किए जाने वाले मॉकड्रिल से एक दिन पहले हुआ है.

24 घंटे में यह दूसरी बार है जब पीएम मोदी और एनएसए अजीत डोभाल के बीच बैठक हुई है. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास में हुए यह बैठक 40 मिनट तक चली.

पीएम मोदी के साथ कई अहम बैठकें

एक दिन पहले ही डोभाल और गृह सचिव गोविंद मोहन प्रधानमंत्री के कार्यालय में उच्च स्तरीय सुरक्षा समीक्षा के लिए शामिल हुए थे.

सोमवार को रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी को ताजा घटनाक्रमों से अवगत कराया. इससे एक दिन पहले एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने सुरक्षा स्थिति का आकलन करने के लिए उनसे मुलाकात की थी. वहीं, नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने शनिवार को अरब सागर में समुद्री सुरक्षा के बारे में प्रधानमंत्री मोदी को जानकारी दी.

इससे पहले, शीर्ष सैन्य अधिकारियों के साथ बैठक के बाद, मोदी ने सशस्त्र बलों को यह तय करने के लिए “पूर्ण परिचालन स्वतंत्रता” दी कि कब, कैसे और कहां जवाबी हमला करना है. उन्होंने “आतंकवाद को करारा झटका” देने के देश के दृढ़ संकल्प पर जोर दिया.

मॉक ड्रिल के लिए उच्च स्तरीय बैठक

इस बीच, कल (7 मई) को होने वाली मॉक ड्रिल से पहले नॉर्थ ब्लॉक में गृह मंत्रालय में एक उच्च स्तरीय बैठक चल रही है. बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन कर रहे हैं और इसमें 244 जिलों के नागरिक सुरक्षा अधिकारी शामिल हैं.

बैठक का मुख्य उद्देश्य कल के अभ्यास के लिए पूरी तरह से योजना बनाना और समन्वय सुनिश्चित करना है. एनडीआरएफ, नागरिक सुरक्षा, अग्निशमन सेवा, वायु रक्षा, एनडीएमए और विभिन्न राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारी भी इसमें शामिल हैं.

इस अभ्यास में रॉकेट, मिसाइल और हवाई हमलों जैसे आपातकालीन परिदृश्यों का अनुकरण किया जाएगा. बैठक में सायरन और ब्लैकआउट प्रोटोकॉल की व्यवस्था की भी समीक्षा की जा रही है.