गढ़चिरौली (महाराष्ट्र)। महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में क्षेत्र में नक्सल विरोधी अभियान के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) को तैनात किया गया है. यह पहली बार है जब क्षेत्र में इस तरह के अभियानों में विशिष्ट बल को शामिल किया गया है. उल्लेखनीय है कि राज्य के विदर्भ क्षेत्र में गढ़चिरौली देश के वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) प्रभावित क्षेत्रों में से एक है.

आतंकवाद विरोधी और उच्च जोखिम वाले अभियानों में अपनी विशेषज्ञता के लिए जानी जाने वाली एनएसजी को गढ़चिरौली में नक्सल विरोधी प्रयासों में सामरिक क्षमता का एक नया स्तर लाने के लिए तैनात किया गया है. अधिकारियों के अनुसार, इस तैनाती से मौजूदा सुरक्षा तंत्र को मजबूती मिलने और क्षेत्र में नक्सली समूहों के खिलाफ अभियानों की प्रभावशीलता में वृद्धि होने की उम्मीद है.

गढ़चिरौली में 12 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

इससे पहले 6 जून को गढ़चिरौली जिले में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की मौजूदगी में 12 कट्टर नक्सलियों ने हथियार डालकर आत्मसमर्पण कर दिया था. इन सभी पर सामूहिक रूप से एक करोड़ रुपये से अधिक का इनाम था. इस अवसर पर पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि नक्सलियों के आत्मसमर्पण से पता चलता है कि उनका इस गैरकानूनी आंदोलन पर से भरोसा उठ गया है.

मार्च 2026 तक नक्सलवाद किया जाएगा खात्मा

बताया गया कि फडणवीस ने महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ सीमा पर स्थित सुदूर कावंडे गांव का दौरा किया. वह इस सुदूर नक्सल प्रभावित क्षेत्र में आने वाले पहले मुख्यमंत्री हैं. यात्रा के दौरान 12 खूंखार नक्सलियों ने अपने अत्याधुनिक हथियार डालकर आत्मसमर्पण कर दिया. इसमें कहा गया कि मुख्यमंत्री ने उन्हें संविधान की एक प्रति भेंट की और मुख्यधारा में उनकी वापसी का प्रतीक बनाया. फडणवीस ने घोषणा की कि पिछले 18 महीनों में 28 माओवादी मारे गए, 31 गिरफ्तार हुए और 44 ने आत्मसमर्पण किया, जो एक रिकॉर्ड है. उन्होंने घोषणा की, “मार्च 2026 तक नक्सलवाद का खात्मा हो जाएगा.”