नई दिल्ली . राजधानी में कोरोना संक्रमितों के लिए कुल सात हजार से अधिक ऑक्सीजन की सुविधा वाले के बिस्तर, 1849 आईसीयू के बिस्तर और 1093 वेंटिलेटर के बिस्तर उपलब्ध हैं, लेकिन डॉक्टरों और नर्स कर्मचारियों की भारी कमी है.
राजधानी के अस्पतालों में एनेस्थीसिया विभाग में 30 से 45 फीसदी तक डॉक्टरों के और 50 फीसदी तक नर्स और कर्मचारियों के पद खाली हैं. कहीं स्वास्थ्य कर्मियों की कमी बड़ी परेशानी न बन जाए. दिल्ली में कोरोना संक्रमित की संख्या लगातार बढ़ रही है, लेकिन अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीज नहीं बढ़ रहे. अधिकतर लोगों में हल्के लक्षण हैं. अस्पताल में भर्ती कोरोना संक्रमितों की संख्या सिर्फ 28 ही है. इसके अलावा 9 लोग ऐसे भी भर्ती हैं, जिन्हें कोरोना का संदिग्ध मरीज माना गया है. एहतियातन दिल्ली के अस्पताल स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं.
दिल्ली में कोरोना के बढ़ते केस को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने जांच बढ़ाने के साथ अस्पतालों को अलर्ट मोड पर रहने का आदेश दिया है. दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग में उपसचिव (कोविड) ने आदेश जारी कर कहा कि दिल्ली में कोरोना व एच3एन2 के मामले बढ़ सकते हैं. ऐसी किसी भी समस्या से निपटने के लिए अस्पताल व प्रशासन पूरी तरह से तैयार रहें. जरूरत के आधार पर दवाइयां व अन्य की व्यवस्था रखी जाए. साथ ही जांच का दायरा बढ़ाया जाए. साथ ही कोरोना नियमों का पालन करने को कहा गया है.
153 संक्रमित मिले राजधानी में बीते 24 घंटों में कोरोना के 153 मामले सामने आए, जबकि 96 मरीजों को छुट्टी दी गई. स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 24 घंटे में 1675 जांच हुई और इनमें 9.13 फीसदी लोग कोरोना संक्रमित पाए गए. कोरोना के कुल सक्रिय मामले बढ़कर 528 हो गए हैं. इनमें से 340 मरीज होम आइसोलेशन और 35 मरीज अस्पताल में भर्ती हैं. अस्पताल में भर्ती मरीजों में से 19 मरीज आईसीयू में भर्ती हैं. हालांकि अधिकतर को गंभीर लक्षण नहीं है. एहतियात के तौर पर मरीजों को आईसीयू में रखा गया है.
पूरे देश में 1,890 नए मामले दर्ज
बता दें कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के रविवार के आंकड़ों के अनुसार, बीते 24 घंटों में भारत में कोविड-19 के 1,890 नए मामले दर्ज किए गए, जो पिछले दिन के 1,590 मामलों की तुलना में अधिक हैं. भारत का कुल सक्रिय केसलोड बढ़कर 9,433 हो गया है, जो कुल मामलों का 0.02 प्रतिशत है. इसी अवधि में, देश में कोविड से सात मौतें हुई हैं, गुजरात और महाराष्ट्र में दो-दो मौतें और केरल में तीन मौतें हुई हैं, जिससे मरने वालों की संख्या 5,30,831 हो गई है.