विक्रम मिश्र, लखनऊ. इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश, न्यायमूर्ति अरुण भंसाली ने शनिवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 24 नवनियुक्त न्यायाधीशों को शपथ दिलाई. न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत होने से पहले, इनमें से 10 इलाहाबाद उच्च न्यायालय और उसकी लखनऊ पीठ में वकील थे. शेष 14 उच्च न्यायिक सेवाओं से संबंधित वरिष्ठ न्यायिक अधिकारी थे. इसके बाद इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की संख्या अब 110 हो गई है.

26 सितंबर को, केंद्र सरकार ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में 24 नए न्यायाधीशों की नियुक्ति को मंज़ूरी दी, जिनमें 10 अधिवक्ता और 14 न्यायिक अधिकारी शामिल हैं. यह नियुक्ति और शपथ ग्रहण समारोह सर्वोच्च न्यायालय के कॉलेजियम द्वारा की गई सिफारिश के एक महीने बाद हुआ. इलाहाबाद उच्च न्यायालय और उसकी लखनऊ पीठ में न्यायाधीशों के स्वीकृत पद 160 हैं, इसलिए न्यायाधीशों के 50 पद रिक्त हैं.

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सूत्रों का कहना है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के इतिहास में यह पहली बार है जब एक साथ 24 न्यायाधीशों ने शपथ ली. इससे पहले, कई साल पहले जब न्यायमूर्ति एम. एन. शुक्ला इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश थे, तब 16 न्यायाधीशों को शपथ दिलाई गई थी. जिन 10 वकीलों को जज के रूप में शपथ दिलाई गई उनमें जस्टिस विवेक सरन, विवेक कुमार सिंह, गरिमा प्रसाद, सुधांशु चौहान, अबधेश कुमार चौधरी, स्वरूपमा चतुर्वेदी, सिद्धार्थ नंदन, कुणाल रवि सिंह, इंद्रजीत शुक्ला और सत्य वीर शामिल हैं. जिन 14 न्यायिक अधिकारियों को उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में शपथ दिलाई गई उनमें न्यायमूर्ति डॉ. अजय कुमार-द्वितीय, चवन प्रकाश, दिवेश चंद्र सामंत, प्रशांत मिश्रा-प्रथम, तरूण सक्सैना, राजीव भारती, पदम नारायण मिश्रा, लक्ष्मी कांत शुक्ला, जय प्रकाश तिवारी, देवेन्द्र सिंह-प्रथम, संजीव कुमार, वाणी रंजन अग्रवाल, अचल सचदेव और बबीता रानी शामिल हैं.