लखनऊ. शुक्रवार को परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने प्रदेश के सभी गांवों तक उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की बसें संचालित करने के लिए अधिसूचित और गैर अधिसूचित मार्गों के प्रस्ताव 25 अक्तूबर तक मांगे हैं. मामले में दयाशंकर सिंह ने बताया कि मार्गों को अधिसूचित करने संबंधी अधिसूचनाएं 1950 के दशक में जारी हुई थी. उसके बाद बड़ी संख्या में नए मंडल, नए जिले और नए विकास खंड का गठन हुआ है. लेकिन अधिसूचित मार्ग नहीं बने.

यह भी पढ़ें: वाराणसी में जमीन के लालच में चाचा ने किया तीन साल के भतीजे का कत्ल, 15 दिन पूर्व हुई थी पिता की मौत

उन्होंने बताया कि सात दशक बाद अब नए रूटों को चिह्नित किया जा रहा है. वर्तमान में परिवहन निगम की ओर से गैर अधिसूचित मार्गों सहित 17729 किलोमीटर लंबे अधिसूचित रूटों पर बस सेवाएं दी जा रही हैं. जो कि प्रदेश के कुल मार्गों का 6.78 प्रतिशत मात्र है. साथ ही उन्होंने कहा कि 460 अधिसूचित मार्गों और गैर अधिसूचित मार्गों का प्रस्ताव मिलने के बाद चिह्नित मार्गों पर निगम की बस सेवा संचालित की जाएगी.