भोपाल। मध्य प्रदेश के नर्सिंग कॉलेज घोटाले का मामला अब सुप्रीम कोर्ट जाएगा. जिन कॉलेजों को सीबीआई जांच के आधार पर कोर्ट से राहत मिली है, उनको भी जांच के दायरे में लाने की गुजारिश की जाएगी. इधर, मध्य प्रदेश विधानसभा में घोटाले की गूंज है और विपक्ष जांच प्रभावित होने से रोकने के लिए हर दिन विश्वास सारंग को मंत्री पद से हटाने की मांग पर अड़ रहा है. विधानसभा में गूंज और उपर से मामला सुप्रीम कोर्ट की दहलीज पर होने से मंत्री विश्वास सारंग की मुश्किलें और अधिक बढ़ गई हैं.

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मध्यप्रदेश के बहुचर्चित नर्सिंग कॉलेज महाघोटाला सड़क से लेकर विधानसभा तक गूंज रहा है. अब इस घोटाले की गूंज देश के सर्वोच्च अदालत में भी सुनाई देगी. दरअसल, नर्सिंग कॉलेज घोटाले के शिकायतकर्ता  व्हिसलब्लोअर रवि परमार ने मामले को सुप्रीम कोर्ट में ले जाने की तैयारी कर ली है.

परमार का आरोप है कि नर्सिंग कॉलेज घोटाले में सीबीआई जांच कर रही है, लेकिन कुछ काॅलेजों ने फर्जी निरीक्षण रिपोर्ट तैयार करवा ली है और उसी रिपोर्ट के आधार पर कुछ नर्सिंग कॉलेज जांच पर कोर्ट से स्टे ले आएं हैं. हम माननीय सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर कर मांग करेंगे कि इन कालेजों की भी नए सिरे से सीबीआई से जांच कराई जाना चाहिए, जिससे प्रदेश के समस्त नर्सिंग कॉलेजों की जांच निष्पक्ष हो सकेगी.

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रवि परमार ने कहा कि हमने अधिवक्ता के साथ कोर्ट के स्टे और कालेजों की निरीक्षण रिपोर्ट का परीक्षण कर एक रिपोर्ट तैयार की है. चूंकि, जिन कॉलेजों की निरीक्षण रिपोर्ट पर कोर्ट ने सीबीआई जांच पर रोक लगाई थी, उस निरीक्षण रिपोर्ट में भी कई कमियां हैं, उन्हीं कमियों के तथ्यों को हम माननीय सर्वोच्च न्यायालय के सामने रख कर जो सीबीआई जांच पर रोक लगाई हैं वो हटाने की मांग करेंगे.

आपको बता दें अप्रैल 2023 में ग्वालियर हाईकोर्ट ने सीबीआई को 364 नर्सिंग कॉलेज की जांच करने के आदेश दिए थे, लेकिन 56 नर्सिंग कॉलेज उसके बाद सुप्रीम कोर्ट से स्टे ले आए थे. उसके बाद सीबीआई ने 308 नर्सिंग कॉलेजों की जांच कर रिपोर्ट को 3 कैटेगिरी में विभाजित किया था, जिसमें 169 सूटेबल, 73 डिफिसेंट, 66 अनसूटेबल थे. लेकिन सीबीआई अफसरों ने फर्जी निरीक्षण रिपोर्ट तैयार की, हालांकि इस मामले में सीबीआई ही अपने अफसरों पर कार्रवाई कर चुकी है. इसके बाद जबलपुर हाईकोर्ट ने सीबीआई को पुनः जांच करने के आदेश दिए हैं.

अक्टूबर 2022 में शुरू हुई थी जांच

नर्सिंग घोटाले पर अक्टूबर 2022 में हाईकोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई जांच शुरू हुई. शुरुआती जांच में कई नर्सिंग कॉलेजों में व्यापक अनियमितताएं सामने आईं. इसके बाद हाईकोर्ट ने मध्य प्रदेश के सभी 364 नर्सिंग कॉलेजों की व्यापक जांच का आदेश दिया. ये कॉलेज अनिवार्य मानकों को पूरा नहीं करते थे, फिर भी मंजूरी पाने में कामयाब रहे. हाईकोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई ने निरीक्षण दल बनाए, जिसमें उसके अपने अधिकारी, नर्सिंग स्टाफ और भूमि रिकॉर्ड अधिकारी शामिल थे.

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