भुवनेश्वर : राज्य स्वास्थ्य सचिव शालिनी पंडित और ओडिशा नर्सिंग कर्मचारी संघ (ओएनईए) के प्रतिनिधियों के बीच वार्ता विफल होने के बाद नर्सिंग अधिकारियों ने बुधवार को हड़ताल जारी रखने की घोषणा की। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के कॉन्फ्रेंस हॉल में ओएनईए के पदाधिकारियों और स्वास्थ्य सचिव के बीच बैठक हुई।
राज्य सरकार द्वारा लगाए गए ओडिशा आपातकालीन सेवा (रखरखाव) अधिनियम (ईएसएमए), 1988 की अवहेलना करते हुए ओएनईए के बैनर तले ओडिशा भर के सरकारी अस्पतालों के नर्सिंग कर्मचारियों ने बुधवार से दो दिवसीय हड़ताल शुरू की है।नर्सिंग अधिकारी अपनी 10 सूत्री मांगों को पूरा करने की मांग कर रहे हैं।
ओएनईए के प्रतिनिधियों को आश्वासन दिया गया कि सरकार भविष्य में उनके साथ बातचीत करेगी और उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों पर उचित समय पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा।
राज्य सरकार ने कहा, “चूंकि उनकी सेवा आवश्यक है, इसलिए उनसे अनुरोध किया गया कि वे आंदोलन का रास्ता छोड़ दें, अपनी हड़ताल वापस लें और तुरंत काम पर लौट आएं।” ओएनईए की अध्यक्ष सुचिस्मिता दाश ने कहा कि संघ चाहता है कि सरकार हमारी मांगों पर विचार करने के लिए विभिन्न विभागों, खासकर वित्त विभाग के अधिकारियों की एक उच्च स्तरीय समिति गठित करे। दाश ने आईएएनएस से कहा, “स्वास्थ्य सचिव ने हमारी मांगों की जांच के लिए और समय मांगा।
हालांकि, उन्होंने कोई विशेष समय अवधि भी नहीं बताई जिसके भीतर सरकार हमारी शिकायतों का समाधान करेगी। हम स्वास्थ्य सचिव के साथ चर्चा के परिणाम से संतुष्ट नहीं हैं और हड़ताल जारी रखने का फैसला किया है।” नर्सिंग अधिकारियों ने यह भी धमकी दी है कि अगर उनकी मांगें जल्द से जल्द पूरी नहीं की गईं तो वे 27 सितंबर से राज्य के सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में अपना काम पूरी तरह से बंद कर देंगे। संघ ने दस सूत्री मांगपत्र रखा है, जिसमें नर्सों की संविदा सेवा को नियमित करना, नर्सों के ड्रेस कोड में बदलाव और नर्सिंग सेवा संवर्ग में प्रशासनिक पदों पर नियुक्ति, आउटसोर्सिंग एजेंसियों के माध्यम से नर्सिंग अधिकारियों की नियुक्ति बंद करना, आदिवासी बहुल क्षेत्रों में कार्यरत नर्सिंग अधिकारियों/कर्मचारियों को स्थान आधारित प्रोत्साहन देना शामिल है।
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