सत्या सिंह राजपूत, रायपुर। छत्तीसगढ़ के कुपोषित इलाकों में वितरण किये जाने वाला फोर्टिफाइड चावल का वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहा है, जिसे लोग प्लास्टिक चावल समझ रहे हैं और लोग इस चावल का सेवन नहीं कर रहे हैं. अब इस वायरल वीडियो और फैलाए जा रहे भ्रम को खाद्य विभाग ने संज्ञान में लिया है. अधिकारियों के मुताबिक यह चावल हानिकारक नहीं है बल्कि बहुत ही फायदेमंद है. खासकर छोटे बच्चे और महिलाओं के शरीर विकास के लिए बहुत ही मददगार बताया जा रहा है.
छत्तीसगढ़ खाद्य विभाग के सचिव टोपेश्वर वर्मा ने बताया कि कोई प्लास्टिक के चावल का वितरण नहीं हो रहा है, जिसे लोग प्लास्टिक के चावल समझ रहे हैं. वो दरअसल फोर्टिफाइड राइस है. इसके सेवन से शरीर का विकास बहुत तेजी से होता है.
साथ ही उन्होंने बताया कि दो साल पहले पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरुआत की गई थी. उसके बाद 12 ज़िलों में इस राइस को बांटा गया. फिर अब सभी ज़िलों में इसका वितरण किया जा रहा है. जिसमें एक क्विंटल चावल में एक किलो फोर्टिफाइड राइस मिलाया जाता है. कई जगहों से ये बातें सुनने को मिली है कि लोग इसे प्लास्टिक चावल समझ रहे हैं. क्योंकि इस चावल में पानी डालने से ये लुद्दी जैसे हो जाता है, इससे लोग आशंकित हैं.
फोर्टिफाइड राइस में क्या-क्या है मौजूद?
फोर्टिफाइड राइस में आयरन, जिंक, फोलिक एसिड, विटामिन ए, विटामिन बी मौजूद है. साथ ही शरीर के न्यू ट्रेडिशनल वैल्यू को बढ़ाता है. इसके सेवन से खासकर बच्चों और महिलाओं के स्वास्थ्य विकास में कोई मदद मिलती है.
दो प्रकार का है फोर्टिफाइड राइस
पहला उसना चावल है. जिसे फोर्टिफाइड राइस बनाया जाता है. इसका कलर थोड़ा गोल्डन जैसे हैं और थोड़ा मोटा भी है. दूसरा अरवा चावल है, जो उसना चावल से पतला होता है और इसका कलर सामान्य चावल से थोड़ा वाइट होता है.
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