लखनऊ. यूपी में रामचरित मानस को लेकर विवाद जारी है. समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के रामचरितमानस पर दिए गए विवादित बयान पर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. जहां एक ओर रविवार को स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपना बयान वापस लेने से इंकार कर दिया तो वहीं दूसरी ओर उनके समर्थन में अब अखिल भारतीय OBC महासभा उतर गया है. उसने लखनऊ के पीजीआई के वृंदावन योजना में रामचरितमानस की प्रतियां जलाकर स्वामी प्रसाद मौर्य का समर्थन किया है.

राजधानी लखनऊ में स्वामी प्रसाद मौर्या के समर्थन में अखिल भारतीय OBC महासभा ने रविवार को पीजीआई के वृंदावन योजना में जमकर विरोध प्रदर्शन किया. महासभा के लोगों ने नारेबाजी की. इस दौरान महासभा ने रामचरितमानस की प्रतियों को जलाकर विरोध प्रदर्शन किया. दरअसल, स्वामी प्रसाद मौर्य ने रविवार को कहा था कि रामचरितमानस की कुछ पंक्तियों में जाति, वर्ण और वर्ग के आधार पर यदि समाज के किसी वर्ग का अपमान हुआ है तो वह निश्चित रूप से धर्म नहीं है. यह अधर्म है, जो न केवल भाजपा बल्कि संतों को भी हमले के लिए आमंत्रित कर रहा है.

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मौर्य ने कहा था कि रामचरित मानस की कुछ पंक्तियों में तेली और कुम्हार जैसी जातियों के नामों का उल्लेख है जो इन जातियों के लाखों लोगों की भावनाओं को आहत करती हैं. उन्होंने मांग की कि पुस्तक के ऐसे हिस्से पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए, जो किसी की जाति या किसी चिह्न के आधार पर किसी का अपमान करते हैं. बता दें कि स्वामी प्रसाद के खिलाफ 295-ए धार्मिक भावना को आहत करने, 153-ए धार्मिक भावना को ठेस पहुंचा कर शांति भंग करना, 505 (2) घृणा पैदा करने के उद्देश्य से बयान देना और 504 शांति भंग करने का इरादा रखने की धाराएं लगाई गई हैं.

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