कुमार इंदर, जबलपुर। मध्य प्रदेश में ओबीसी वर्ग को 27% आरक्षण देने के मामले पर आज हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने सरकार को स्पष्ट रूप से कह दिया कि किसी की भी अनुपस्थिति में अब सुनवाई नहीं टाली जाएगी। हर हाल में 1 अगस्त से 27% ओबीसी आरक्षण पर नियमित तौर पर सुनवाई होगी और हर बार सुनवाई के लिए 1 घंटे तय किया जाएगा।
दरअसल हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि सरकार का पक्ष रखने के लिए सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया तुषार मेहता उपस्थित नहीं हो पाएंगे। लिहाजा सुनवाई के लिए अगली तारीख दी जाए। इस पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जाहिर की और कहा कि मध्य प्रदेश में ओबीसी आरक्षण के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि इस मामले पर नियमित तौर पर सुनवाई की जाए और जल्द से जल्द फैसला सुनाया जाए। अब आगे से किसी भी पक्षकार की अनुपस्थिति से सुनवाई नहीं टाली जाएगी।
इसके साथ ही हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान एमपीपीएससी की ओर से एक अंतरिम आवेदन भी दिया गया। जिसमें कहा गया कि 27 अप्रैल को हाईकोर्ट में जो आदेश दिया था उसमें बदलाव कर नए सिरे से आदेश दिया जाए। ताकि एमपीपीएससी चयन प्रक्रिया पूरी कर सके। इस पर हाईकोर्ट ने एमपीपीएससी को फटकार लगाते हुए कहा कि हाईकोर्ट ने कभी भी चयन प्रक्रिया पर रोक लगाने का आदेश नहीं दिया है। एमपीपीएससी चाहे तो 14% आरक्षण के हिसाब से चयन प्रक्रिया आगे बढ़ा सकती है। एमपीपीएससी पर नाराजगी जाहिर करते हुए हाईकोर्ट ने कहा एमपीपीएससी हमारे कंधे पर बंदूक रखकर ना चलाएं। चयन प्रक्रिया 14% आरक्षण के हिसाब से पूरी की जा सकती है। बहरहाल अब हाईकोर्ट में ओबीसी आरक्षण के मामले पर अगली सुनवाई 1 अगस्त को होगी।
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