चंडीगढ़ : पंजाब के कैबिनेट मंत्री डॉ. रवजोत सिंह की कथित आपत्तिजनक तस्वीरें मंगलवार को सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद बुधवार को उन्होंने इस मामले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सफाई दी।

मंत्री ने बिना नाम लिए विपक्षी नेता पर तीखा हमला बोला और खुलासा किया कि वायरल तस्वीरें कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) की मदद से बनाई गई थीं। उन्होंने इस घटना को शर्मनाक और निंदनीय बताते हुए कहा कि ऐसी सस्ती राजनीति से महिलाओं की भावनाओं को ठेस पहुंची है।


कैबिनेट मंत्री ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, “किसी महिला को इस तरह बदनाम करना निंदनीय है। अगर विपक्ष को मुद्दों और काम पर बात करनी है तो ठीक, लेकिन अब वे लोगों के निजी जीवन तक पहुंच रहे हैं।” उन्होंने बिना नाम लिए विपक्षी नेता पर तंज कसते हुए कहा, “क्या गुरु रामदास की धरती पर रहकर किसी महिला को बदनाम करना उचित है? यह बेहद दुखद है और इससे सभी की भावनाएं आहत हुई हैं।”


‘सस्ती लोकप्रियता के लिए किया गया कृत्य’


मंत्री ने कहा कि यह तस्वीरें सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए वायरल की गईं। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्षी नेता पहले भी मंत्रियों और नेताओं को इसी तरह निशाना बनाते रहे हैं। रवजोत सिंह ने कहा, “मैं आज के बाद इस नेता पर पूर्ण विराम लगा रहा हूं। उन्होंने अपनी पूर्व पत्नी की तस्वीर को एडिट कर वायरल किया, जो बेहद शर्मनाक है।” उन्होंने सवाल उठाया कि अगर लड़ाई लड़नी ही है तो उनके साथ लड़ा जाए, न कि किसी निर्दोष महिला को निशाना बनाया जाए।

पुराना मामला, जांच जारी


मंत्री ने बताया कि यह मामला 8 से 10 साल पुराना है। उन्होंने कहा कि 2016 में होशियारपुर में चुनाव प्रचार के दौरान अशोक नामक व्यक्ति, जो उस समय उनकी पार्टी का हिस्सा था, ने सबसे पहले ऐसी तस्वीरें वायरल की थीं। इसके बाद बिक्रम मजीठिया ने भी इन तस्वीरों को सोशल मीडिया पर साझा किया। रवजोत सिंह ने इस मामले में मजीठिया के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है और जांच चल रही है।


‘मामला भगवान और जनता की अदालत में’
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि वह इस मामले का फैसला भगवान और जनता की अदालत पर छोड़ते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में आना उनके लिए आसान नहीं था, लेकिन सच को सामने लाना जरूरी था। इस घटना ने न केवल उनकी छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की, बल्कि समाज में महिलाओं के सम्मान पर भी सवाल उठाए हैं।