रायपुर. बीजेपी संगठन में बड़ा कद रखने वाले नेता मोहन एंटी ने शिक्षाकर्मियों पर विवादित टिप्पणी कर दी है. उन्होंने कहा कि उनकी नज़र में शिक्षाकर्मी मज़दूर हैं. वे बेदह छोटे स्तर के कर्मचारी हैं. ये बात उन्होंने एक टीवी चैनल के डिबेट में कही. जैसे ही उन्होंने ये टिप्पणी की वहां मौजूद कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी ने इसका विरोध किया और कहा कि ये शिक्षकों का अपमान है.  मोहन एंटी के विवादित बोल से पहले से ही शासन से नाराज़ चल रहे शिक्षाकर्मियों का पारा चढ़ गया.

शिक्षाकर्मियों ने इसकी निंदा करते हुए इस बात की शिकायत प्रदेश अध्यक्ष धरमलाल कौशिक और राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से करने को कही है. शिक्षाकर्मी नेता वीरेंद्र दुबे ने बयान जारी कर कहा कि बीजेपी नेता का ये बयान उनकी छोटी मानसिकता को बयान करता है. उन्होंने मोहन एंटी को पद से हटाने और उन्हें शिक्षकों से माफी मांगने की मांग की है.

वहीं शिक्षाकर्मियों को अपने पाले में लाने की कवायद में जुटी कांग्रेस ने भी मौके का फायदा उठाते हुए मोहन एंटी के साथ पूरी पार्टी पर हमला बोल दिया है. कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह ने कहा कि विद्यादान जैसा पुण्य का काम करने वाले शिक्षाकर्मियों की तुलना मजदूर से करके भारतीय जनता पार्टी ने अपना असली चेहरा उजागर कर दिया है. आरपी का कहना है कि यह बयान यह भी साबित करता है कि शिक्षाकर्मियों के प्रति भारतीय जनता पार्टी के मन में कितनी नफरत, अपमान और घृणा की भावना भरी हुई है. कांग्रेस पार्टी इस बयान की कड़ी निंदा करती है.

आरपी ने कहा है कि बीजेपी मोहन एंटीक के ऊपर कार्यवाही करके यह साबित करें कि उनके मन में शिक्षकों के प्रति सम्मान की भावना है.