
रायपुर. हिन्दू धर्म में भगवान श्री गणेश की पूजा किसी भी शुभ कार्य से पहले की जाती है, इसलिए इन्हें प्रथम पूज्य के नाम से भी जाना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान गणेश का आशीर्वाद पाने के लिए विनायक चतुर्थी व्रत किया जाता है. जो कि हर मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है. मार्गशीर्ष मास शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को यानी कि आज है, इस दिन वैनायकी श्री गणेश चतुर्थी मनाई जाएगी.
विनायक चतुर्थी के बारे में मान्यता है कि इसके प्रभाव से जीवन में आ रही रुकावटें दूर हो जाती है. इसके अलावा इस व्रत को विधि-पूर्वक करने से मनोकामना पूरी होती है. इस दिन गणपति की पूजा करने से सुख-समृद्धि, धन-दौलत के साथ ही ज्ञान और बुद्धि की भी प्राप्ति होती है.
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पूजा विधि
गणेश जी की पूजा के लिए सुबह नित्यक्रिया से निवृत हो जाएं. इसके बाद घर के पूजा स्थल या मंदिर में गणेश जी की पूजा से पहले साफ सुथरे कपड़े पहनें. पूजा के समय गणेश मंत्र का उच्चारण करें. मंत्र उच्चारण और आवाहन के बाद दूर्वा, फूल, चंदन, दही, पान का पत्ता और मिठाई आदि भगवान गणेश को अर्पित करें. इतना करने के बाद धूप-दीप जलाकर विनायक चतुर्थी कथा का पाठ करें. पाठ के बाद भगवान गणेश की आरती कर प्रसाद का वितरण करें.
पद्मपुराण के अनुसार इस दिन मंगल देवता के नामों का पाठ करने वाले व्रती को कर्ज से छुटकारा मिल जाता है. ज्योतिष में मंगल को हर विपरीत स्थितियों और कठिन समय से जूझने की ताकत देने वाला ग्रह माना जाता है. इस प्रकार यदि कोई व्यक्ति प्रायः कर्ज लेकर उससे मुक्ति हेतु परेशान हो तथा कर्ज चुकने का ही नाम ना लें, कर्ज से अपनी प्रतिष्ठा, सुखशांति समाप्त होने लगे तो कर्ज मुक्ति हेतु ज्योतिषीय उपाय करने चाहिए. मंगल की शांति के लिए नियम यह है कि पूरे दिन व्रत रखकर शाम के समय भगवान शिव और हनुमान जी की पूजा करें. मंगलवार के दिन संध्या के समय हनुमान चालीसा के पाठ का भी कई गुणा लाभ मिलता है. मंगल दोष के प्रभाव को कम करने के लिए इस दिन मसूर की दाल, लाल वस्त्र, गुड़, तांबा का दान करना उत्तम फलदायी होता है. ऐसा करने से कर्ज से मुक्ति प्राप्त होती है और जीवन में समृद्धि का वास होता है.
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विनायक चतुर्थी तिथि और मुहूर्त
मार्गशीर्ष माह की शुक्ल पक्ष चतुर्थी के दिन विनायक चतुर्थी का भक्त व्रत रखते हैं और पूजा अर्चना करते हैं. इस दिन भगवान गणेश की पूजा और उपासना की जाती है. इस बार विनायक चतुर्थी 7 दिसंबर प्रातः 02 बजकर 31 मिनट पर लगेगी, जो कि उसी दिन रात को 11 बजकर 40 मिनट पर समाप्त हो जाएगी.
इतना ही नहीं मंगलवार के दिन होने के कारण ये अंगारकी विनायक चतुर्थी के संयोग का निर्माण कर रहा है. इतना ही नहीं कहा जाता है कि भगवान गणेश का पूजन दोपहर में करना शुभ होता है.
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