नई दिल्ली . राजधानी में ऑड-ईवन योजना अपने निर्धारित समय यानी 13 नवंबर से ही शुरू होगी. दिल्ली सरकार ने मंगलवार की देर शाम स्पष्ट किया कि योजना को रोका नहीं गया है.
सरकार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के मंगलवार के आदेश में सम-विषम पर रोक नहीं लगाई गई है. इससे पूर्व दिन में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय की पत्रकार वार्ता के बाद सम-विषम योजना को लागू किए जाने को लेकर संशय जाहिर किए जा रहे थे. वाहनों से होने वाले प्रदूषण की रोकथाम के लिए दिल्ली सरकार ने सोमवार को ऑड-ईवन योजना लागू करने की घोषणा की थी. पर्यावरण मंत्री ने कहा था कि दीपावली के ठीक बाद यानी 13 तारीख से 20 तारीख इसे लागू किया जाएगा. मंगलवार दिन में दिल्ली सचिवालय में इस संबंध में बैठक भी बुलाई गई थी. बैठक के बाद आयोजित पत्रकार वार्ता में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि सम विषम योजना को लागू करने के लिए पर्यावरण विभाग, परिवहन विभाग और यातायात पुलिस के अधिकारियों के साथ बैठक की गई. इसमें ऑड-ईवन योजना को लागू करने पर चर्चा की गई. लेकिन, बैठक के बीच में जानकारी मिली है कि सुप्रीम कोर्ट ने इस पर कुछ टिप्पणियां की हैं. पर्यावरण मंत्री ने कहा कि सरकार अब उच्चतम न्यायालय के आदेश का अध्ययन करेगी और आगे की योजना बनाने के लिए इसमें दिए गए सुझावों और निर्देशों को शामिल किया जाएगा.
पर्यावरण मंत्री की पत्रकार वार्ता के बाद इस प्रकार के अनुमान लगाए जा रहे थे कि सम-विषम योजना फिलहाल संशय में पड़ गई है. देर शाम दिल्ली सरकार ने इसे लेकर अपना रुख स्पष्ट कर दिया. सरकार ने कहा कि इसे लेकर कोई भ्रम नहीं होना चाहिए कि सम-विषम योजना को स्थगित कर दिया गया है.
झूठ बोल रही सरकार राजनिवास
सम-विषम योजना को लेकर दिल्ली सरकार और राजनिवास के बीच टकराव होता दिख रहा है. राजनिवास के सूत्रों ने आरोप लगाया है कि आप सरकार योजना पर झूठ बोल रही है. इससे संबंधित फाइल से पता चलता है कि इस बारे में कोई निर्णय नहीं लिया गया है. सूत्रों ने मंगलवार को कहा कि ग्रैप चार के तहत किए गए उपायों में सम-विषम योजना को लागू करने के निर्णय को पर्यावरण मंत्री गोपाल राय द्वारा अनुमोदित नहीं किया गया था. फाइल को उप राज्यपाल की मंजूरी के लिए उप राज्यपाल सचिवालय भेजा गया था. उपराज्यपाल सचिवालय ने जानबूझकर की गई गलत बयान की तरफ ध्यान आकर्षित कर इसे मुख्यमंत्री कार्यालय को भेज दिया है.
गुमराह कर रहे अधिकारी गोपाल राय
पर्यावरण मंत्री ने कहा है कि सम-विषम पर अधिकारी उपराज्यपाल को गुमराह कर रहे हैं. वह जिस फाइल के आधार पर सम-विषम का प्रस्ताव आने का हवाला दे रहे हैं, वह फाइल चार नवंबर की है, जिसके आधार पर पांच नवंबर की शाम को ग्रैप चार लागू करने का निर्णय हुआ. छह नवंबर को मुख्यमंत्री ने वायु प्रदूषण को लेकर दिल्ली सचिवालय में बैठक बुलाई थी. उसमें यह निर्णय लिया गया कि दिल्ली में सम विषम लागू किया जाएगा. इसके बाद 13 से 20 नवंबर तक सम विषम लागू करने की घोषणा हुई. इसका फैसला छह नवंबर को हुआ. ऐसे में चार नवंबर की फाइल में सम विषम के संबंध में कैसे लिखकर दिया जा सकता है.
सरकार के इस फैसले से राहत के बजाय आफत ज्यादा मिलेगी कांग्रेस
दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अरविन्दर सिंह लवली ने कहा कि वाहनों में सम-विषम लागू करने से लोगों को राहत नहीं, बल्कि आफत मिलेगी. लवली ने मंगलवार को जारी बयान में कहा कि प्रदूषण से दिल्ली के लोग बेहाल हैं. उन्हें सांस लेने में परेशानी हो रही है. आरोप लगाया कि प्रदूषण के लिए केंद्र की भाजपा और दिल्ली की आम आदमी पार्टी जिम्मेदार हैं.